Edited By Ramkesh,Updated: 28 Oct, 2022 08:18 PM

समाजवादी पार्टी से विधायक आजम खां की सदस्या को विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना ने समाप्त कर दिया है। यह कार्रवाई कोर्ट के आदेश की है। वहीं अब रामपुर की विधानसभा सीट रिक्त हो गई है।
लखनऊ: समाजवादी पार्टी के कद्दावार नेता और विधायक आजम खां की सदस्या को विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने समाप्त कर दिया है। यह कार्रवाई कोर्ट के आदेश पर की गई है। वहीं अब रामपुर की सदर विधानसभा की सीट रिक्त हो गई है। बता दें कि कल रामपुर की एमपी/एमएलए अदालत ने समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता एवं विधायक आजम खां को भड़काऊ भाषण देने के मामले में बृहस्पतिवार को दोषी करार देते हुए तीन साल कैद और छह हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी।
सांसदों और विधायकों को दो साल से अधिक सजा होने पर सदस्यता होती है रद्द
बता दें कि उच्चतम न्यायालय द्वारा जुलाई 2013 में जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक अगर सांसदों और विधायकों को किसी भी मामले में दो साल से ज्यादा की सजा होती है तो (संसद और विधानसभा से) उनकी सदस्यता अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने के दिन से समाप्त हो जाएगी। हालांकि, अगर खां उच्च अदालत में इस फैसले के खिलाफ अपील करते हैं और अदालत उनकी दोषसिद्धि को निलंबित कर देती है तो ऐसी स्थिति में उनकी विधानसभा सदस्यता बरकरार रहेगी। सरकारी वकील अजय तिवारी ने बताया कि भड़काऊ भाषण देने के मामले में विशेष एमपी/एमएलए अदालत ने आजम खां को भारतीय दण्ड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 153-क (धार्मिक भावनाएं भड़काना), 505-क (विभिन्न समुदायों के बीच शत्रुता, घृणा या वैमनस्य की भावनाएं पैदा करने के आशय से असत्य कथन) और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125 (चुनाव के सिलसिले में विभिन्न वर्गों के बीच वैमनस्य बढ़ाना) के तहत दोषी करार देते हुए उन्हें तीन साल कैद और छह हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
लोकसभा चुनाव में अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल
गौरतलब है कि आजम खां पर 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान मिलक कोतवाली इलाके के खातानगरिया गांव में जनसभा को संबोधित करने के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने और जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को भला-बुरा कहने पर भड़काऊ भाषण देने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था। खां के इस बयान का वीडियो भी वायरल हुआ था। इस मामले में दोनों पक्षों की बहस 21 अक्टूबर को पूरी हो गई थी। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने सजा सुनाने के लिए आज (27 अक्टूबर) की तिथि निर्धारित की थी।