अतीक अहमद के करीबी शूटर अब्दुल कवि को शरण देने वाले 5 आरोपी गिरफ्तार, 18 साल से फरार है आरोपी

Edited By Pooja Gill,Updated: 25 Mar, 2023 03:34 PM

arrested 5 accused who sheltered abdul

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 18 साल पहले हुए बसपा के पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड में शामिल माफिया अतीक अहमद का शार्प शूटर 50 हजार का इनामी अब्दुल कवि सीबीआई, एसटीएफ एवं कौशांबी पुलिस को चकमा देकर फरार...

कौशांबी (अखिलेश कुमार): उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 18 साल पहले हुए बसपा के पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड में शामिल माफिया अतीक अहमद का शार्प शूटर 50 हजार का इनामी अब्दुल कवि सीबीआई, एसटीएफ एवं कौशांबी पुलिस को चकमा देकर फरार चल रहा है। कौशांबी पुलिस को अब्दुल कवि के यमुना की तराई के जंगलों में छिपे होने की मुखबिर से सूचना मिली तो एसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने अपर पुलिस अधीक्षक समर बहादुर सिंह के नेतृत्व में टीम गठित कर सर्च ऑपरेशन का निर्देश दिया।

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मिली जानकारी के मुताबिक, एसपी के निर्देश के बाद एएसपी ने तीनों सर्किल के सीओ, 10 थाने की फोर्स एवं पीएएसी के साथ छापेमारी किया। यह कार्रवाई लगभग 4 से 5 घंटे चली। इस छापेमारी के दौरान अब्दुल कवि तो नहीं मिला। लेकिन उसे शरण देने वाले 5 सगे संबंधियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। तलाशी के दौरान 8 लाइसेंसी राइफल, बंदूक, एक अवैध तमंचा एवं भारी मात्रा में कारतूस बरामद हुई। गिरफ्तार अभियुक्तों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। उनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत भी कार्रवाई की जाएगी।

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प्रयागराज के धूमनगंज थाना क्षेत्र के नीवा गांव निवासी बसपा के पूर्व विधायक राजू पाल की 25 जनवरी 2005 को दिनदहाड़े शहर में ही गोलियों से छलनी कर हत्या कर दी गई थी। हत्या के मामले में माफिया अतीक अहमद उसके भाई अशरफ सहित 18 से अधिक लोगों का नाम सामने आया था। सपा की चायल से मौजूदा विधायक पूजा पाल ने पति की हत्या के मामले में इन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था, लेकिन फौरी तौर पर पुलिस ने विवेचना कर चार्ज शीट अदालत में दाखिल कर दी थी और मुकदमे को ठंडे बस्ते में डाल दिया था।

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पूजा पाल ने शासन से की CBI जांच की मांग
विधायक पूजा पाल ने शासन से सीबीआई जांच की मांग उठाई। शासन के निर्देश पर सीबीआई ने हत्याकांड की दोबारा जांच शुरू की तो कौशांबी के सरायअकिल थाना क्षेत्र के भखन्दा निवासी अब्दुल कवि का भी नाम सामने आया। सीबीआई की विवेचना के बाद अब्दुल कवि के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कर लिया गया लेकिन 18 साल से अब्दुल कवि सीबीआई, एसटीएफ एवं पुलिस को चकमा देकर फरार है। हाल ही में अब्दुल कवी के भाई अब्दुल कादिर को भी पुलिस ने अवैध असलहों के जखीरा के साथ पकड़ा पकड़ा था। मुकदमा दर्ज करने के बाद उसे जेल भेज दिया गया। पुलिस ने अब्दुल कवी के ऊपर 50 हजार का इनाम भी घोषित कर दिया था।

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एसपी को मिली थी अब्दुल कवी के छुपे होने की सूचना
एसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव को मुखबिर से सूचना मिली कि, अब्दुल कवी यमुना की तराई में छुपा हुआ है। उन्होंने अपर पुलिस अधीक्षक समर बहादुर सिंह के नेतृत्व में सर्च ऑपरेशन के लिए टीम गठित की। अपर पुलिस अधीक्षक समर बहादुर सिंह चायल, सिराथू, मंझनपुर क्षेत्राधिकारी, पीएसी एवं 10 थाने की फोर्स के साथ भखन्दा सहित यमुना की तराई में पहुंचकर सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया। पुलिस ने भखन्दा गांव के अब्दुल कवी के कई सगे संबंधियों के यहां छापेमारी की तो वहां से असलहों का जखीरा बरामद हुआ। पुलिस ने गांव के निजामुद्दीन, अजमल, शाहिद उर्फ राजू, बिलाल एवं मोहम्मद असलम को गिरफ्तार किया। पकड़े गए लोगो से भारी मात्रा में अवैध हथियार बरामद किया गया है। हैरानी की बात यह है कि जिन लोगों के पास से असलहे मिले हैं। एक भी असलहा उन लोगों के नाम दर्ज नहीं है। ऐसे में पुलिस को शक है कि असलहे चोरी के हैं। पुलिस ने इनके विरुद्ध अभियोग पंजीकृत किया जा रहा है इसमें गैंगस्टर के तहत कार्रवाई की जाएगी और जो भी विधिनरूप कड़ी कार्रवाई है वह अमल में लाई जाएगी।

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