Edited By Purnima Singh,Updated: 15 Apr, 2025 01:36 PM

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और यूपी के मंझनपुर से विधायक इंद्रजीत सरोज ने मंदिरों को लेकर विवादित बयान पर सफाई देते हुए फिर एक भड़काऊ बयान दिया है......
लखनऊ : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और यूपी के मंझनपुर से विधायक इंद्रजीत सरोज ने मंदिरों को लेकर विवादित बयान पर सफाई देते हुए फिर एक भड़काऊ बयान दिया है। उन्होंने कहा कि इतिहास में हम देखते हैं कि लुटेरे आए थे और लूट ले गए। उस समय भगवान क्या कर रहे थे। भगवान श्राप दे देते ताकि मुसलमान भस्म हो जाते। यानी कुछ न कुछ तो कमी है हमारे देवी देवताओं में। ताकतवर नहीं थे भगवान। हमारे भगवान तो आंबेडकर हैं।
‘मंदिरों में ताकत होती तो देश में न आते गजनवी और गोरी’
इससे पहले इंद्रजीत सरोज ने मंदिरों की ताकत पर सवाल उठाते हुए कहा था कि अगर भारत के मंदिरों में ताकत होती तो मोहम्मद बिन कासिम, महमूद ग़ज़नवी और मोहम्मद गौरी जैसे लुटेरे देश में एंट्री नहीं ले पाते। इंद्रजीत सरोज ने खुद को जय भीम का सच्चा अनुयायी बताते हुए कहा कि राम का नारा लगाने से कुछ नहीं होगा, जय भीम का नारा लगाने से आप आगे बढेंगे। इस नारे की बदौलत मैं पांच बार विधायक और एक बार मंत्री बना हूं।
'मुसलमानों के खिलाफ लिखने की शायद तुलसीदास में नहीं थी हिम्मत'
सरोज यहीं नहीं रुके, उन्होंने रामचरित मानस के रचयिता तुलसीदास को लेकर भी विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा कि तुलसीदास ने लिखा कि अगर कोई नीच जाति का व्यक्ति पढ़-लिख जाए तो वो सांप के दूध पीने जैसा होता है। उन्होंने आगे कहा कि तुलसीदास ने हमारे लिए बहुत कुछ लिखा है, लेकिन अकबर के समय रहते मुसलमानों के खिलाफ कुछ नहीं लिखा। शायद उनकी हिम्मत नहीं पड़ी।