Edited By Umakant yadav,Updated: 06 Jan, 2021 11:19 AM
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंगलवार को कहा कि 21वीं सदी के बच्चे बहुत शक्तिशाली और संवेदनशील हैं और बच्चों में मोबाइल की आदत न डालें। राज्यपाल पटेल ने मंगलवार को बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंगलवार को कहा कि 21वीं सदी के बच्चे बहुत शक्तिशाली और संवेदनशील हैं और बच्चों में मोबाइल की आदत न डालें। राज्यपाल पटेल ने मंगलवार को बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी में ‘मातृ शिक्षा एवं शिशु की देखभाल’ विषय पर आयोजित आंगनवाड़ी प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “माताएं अपने काम की व्यस्तता में भी बच्चों को मोबाइल देकर नहीं उलझाएं क्योंकि इसका गलत असर पड़ता है।”
राजभवन से जारी विज्ञप्ति के अनुसार राज्यपाल ने अपने संबोधन में माताओं को सलाह देते हुए बताया, “पौष्टिक व सुपाच्य भोजन की आदत डालें और बच्चों की तबियत खराब होने पर अस्पताल व डॉक्टर को दिखाएं। किसी जादू-टोना, झाड़-फूंक, गंडा ताबीज जैसे अंधविश्वास में न आएं।” उन्होंने कहा कि बाल विवाह, दहेज प्रथा बड़ी सामाजिक कुरीति है और इसका सरकार द्वारा भी पूरा निषेध किया गया है।
पटेल ने कहा, “शिक्षा के क्षेत्र में महिलाओं की अधिक जरूरत है, क्योंकि घर बच्चे की प्रथम पाठशाला है और मां उसकी प्रथम शिक्षिका होती है।” उन्होंने कहा, “आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सौभाग्यशाली हैं कि वह माताएं हैं और टीचर भी हैं। शिक्षा में लगभग 60 फीसदी व आंगनवाड़ी में 100 फीसदी महिलाएं काम कर रही हैं। बाल विकास एवं महिला कल्याण विभाग में गांव से लेकर शहर तक महिलाओं की कड़ी है। घर पर तीन वर्ष तक माताएं बच्चों को संस्कार देती हैं और 9 माह गर्भ में रखती है।''
राज्यपाल ने कहा कि किसी सामाजिक कुरीति को हटाने पर पहले विरोध होता है, फिर पूरा समाज उसे ठीक मानकर उसे अच्छा कहने लगता है। उन्होंने अपने पारिवारिक जीवन में भी अपने द्वारा बाल विवाह का विरोध करने का दृष्टांत सुनाया। इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वाती सिंह सहित विद्या भारती के पदाधिकारी व विभागीय अधिकारीगण एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता उपस्थित थीं।