Edited By Anil Kapoor,Updated: 17 Dec, 2025 10:45 AM

Jhansi News: झांसी मेडिकल कॉलेज एक बार फिर गंभीर आरोपों के घेरे में है। एक महिला ने आरोप लगाया है कि अस्पताल में पहले उसके नवजात बेटे को बदलकर उसे बेटी सौंप दी गई और अब उसी बच्ची की इलाज के दौरान मौत हो गई। पुलिस ने बच्ची के शव को पोस्टमार्टम के लिए...
Jhansi News: झांसी मेडिकल कॉलेज एक बार फिर गंभीर आरोपों के घेरे में है। एक महिला ने आरोप लगाया है कि अस्पताल में पहले उसके नवजात बेटे को बदलकर उसे बेटी सौंप दी गई और अब उसी बच्ची की इलाज के दौरान मौत हो गई। पुलिस ने बच्ची के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है, जबकि मेडिकल कॉलेज प्रशासन आरोपों से इनकार कर रहा है।
कैसे शुरू हुआ पूरा मामला
मोंठ थाना क्षेत्र के बमरौली आजाद नगर की रहने वाली 24 वर्षीय रीता को 4 दिसंबर को प्रसव पीड़ा होने पर झांसी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। रीता का कहना है कि दो दिन तक अस्पताल में भर्ती रहने के बाद उसने एक बेटे को जन्म दिया था। रीता के मुताबिक, “हमने बेटे को ठीक से देखा था। नर्स बच्चे को लेकर गई और फिर वापस नहीं लाई।”
चाय और ऑक्सीजन के बहाने बदला बच्चा?
महिला का आरोप है कि नर्स ने पति से कहा कि पत्नी चाय मांग रही है, जिस पर उसका पति चाय लेने चला गया। इसके बाद पति को ऑक्सीजन सिलेंडर उठाने के बहाने वार्ड से बाहर भेजा गया। उसी दौरान नर्सों ने कहा कि लड़की हुई है। जब पति वापस आया तो दंपती ने विरोध किया, लेकिन नर्सों ने धमकी दी और जबरन बच्ची सौंप दी।
डीएनए सैंपल के बाद बिगड़ी हालत
महिला ने बताया कि हंगामे के बाद डीएनए जांच के लिए मां और बच्ची के ब्लड सैंपल लिए गए। इसके कुछ समय बाद बच्ची की हालत बिगड़ने लगी और उसका रंग काला पड़ने लगा। बच्ची को नवजात वार्ड में भर्ती कर लिया गया। रीता का आरोप है कि जब तक वह अस्पताल में रही, उसे नींद की दवाएं दी जाती रहीं। पुलिस की मदद से उसे छुट्टी मिली, लेकिन बच्ची को अस्पताल में ही रखा गया।
बच्ची से मिलने नहीं दिया, फिर मौत की खबर
महिला का कहना है कि छुट्टी के समय उसने बच्ची की फोटो लेने की अनुमति मांगी, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने फोटो तक नहीं लेने दी। 11 दिसंबर को जब वह दोबारा अस्पताल पहुंची तो बच्ची से मिलने नहीं दिया गया। इसके बाद रात करीब 9 बजे बच्ची की मौत की सूचना दी गई। रीता का आरोप है कि पहले हमारा बेटा बदल दिया गया और अब बेटी की भी जान ले ली गई। हमें हमारा बेटा चाहिए।
मेडिकल कॉलेज प्रशासन का पक्ष
झांसी मेडिकल कॉलेज के सीएमएस सचिन माहौर ने सभी आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने बताया कि माता-पिता ने बेटे के बदले बेटी देने का आरोप लगाया था, जिसके बाद मामले की प्रारंभिक जांच कर डीएनए टेस्ट के लिए सैंपल भेजे गए थे। सीएमएस के अनुसार, बच्ची समय से पहले पैदा हुई थी, उसका वजन काफी कम था और वह पूरी तरह विकसित नहीं थी। इसी वजह से उसे बच्चा वार्ड में रखा गया था, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। उन्होंने यह भी बताया कि जब माता-पिता अस्पताल नहीं पहुंचे तो बच्ची के शव को पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया।
पुलिस जांच में जुटी
फिलहाल पुलिस ने नवजात के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। डीएनए रिपोर्ट और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पूरे मामले की सच्चाई सामने आ सकेगी।