Edited By Ajay kumar,Updated: 07 Jul, 2024 05:37 PM
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कस्टडी के मामले के लंबित रहने के दौरान बच्चों को उनके अभिभावक से मिलने के मामले में महत्वपूर्ण टिप्पणी की है। हाईकोर्ट ने कहा है कि बच्चों को अपने अभिभावक पिता को जानने और उनसे मिलने का पूर्ण अधिकार है।
प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कस्टडी के मामले के लंबित रहने के दौरान बच्चों को उनके अभिभावक से मिलने के मामले में महत्वपूर्ण टिप्पणी की है। हाईकोर्ट ने कहा है कि बच्चों को अपने अभिभावक पिता को जानने और उनसे मिलने का पूर्ण अधिकार है। एक पिता अपने बच्चों के जीवन का आदर्श होता है। अतः एक बच्चे को अपने पिता को जानने और उनसे मिलने तथा उनके व्यवहार को समझने का स्वाभाविक अधिकार प्राप्त है। इससे बच्चों की कस्टडी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। उक्त आदेश न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह और न्यायमूर्ति डोनाडी रमेश की खंडपीठ ने प्रियंका अग्रवाल द्वारा दाखिल अपील को खारिज करते हुए पारित किया।
पिता से मुलाकात के अधिकार के कारण बच्चे की कस्टडी में कोई बदलाव नहीं आएगा
दरअसल मां प्रियंका ने परिवार न्यायालय के उस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, जिसमें बच्चों के पिता को हर महीने के एक रविवार को सार्वजनिक स्थान पर 3 घंटे के लिए अपने बेटे से मिलने की अनुमति दी गई थी। उपरोक्त आदेश को मां ने अपर प्रधान न्यायाधीश के क्षेत्राधिकार से परे बताकर चुनौती दी थी। अंत में कोर्ट ने माना कि पिता से मुलाकात के अधिकार के कारण बच्चे की कस्टडी में कोई बदलाव नहीं आएगा।