Edited By Ramkesh,Updated: 14 Aug, 2025 01:28 PM

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा के मानसूत्र के आखिरी दिन विरक्ष के सवालो का जवाब दिया। उन्होंने इस दौरान समाजवादी पार्टी को अड़ हाथ लेते हुए जमकर खरी खोटी सुनाई। सीएम योगी ने अखिलेश के पीडीए पर तंज कसते हुए कहा कि ये आपका...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा के मानसूत्र के आखिरी दिन विरक्ष के सवालो का जवाब दिया। उन्होंने इस दौरान समाजवादी पार्टी को अड़ हाथ लेते हुए जमकर खरी खोटी सुनाई। सीएम योगी ने अखिलेश के पीडीए पर तंज कसते हुए कहा कि ये आपका परिवार डेवलपमेंट ऑथोरिटी (PDA) क्या है ? सीएम उसके साथ ही संकृति के श्लोक को भी विधानसभा में सुनाया। उन्होंने कहा कि"यावज्जीवेत सुखं जीवेद ऋणं कृत्वा घृतं पिवेत, भस्मीभूतस्य देहस्य पुनरागमनं कुतः॥"यह चार्वाक ऋषि का भौतिकवादी दर्शन है ।
इस श्लोक का अर्थ है: जबतक जीवन है सुख पूर्वक जीना चाहिए , चाहे इसके लिए ऋण लेकर भी घी पीना पडें तो पीना चाहिए। जब मरने के पश्चात शरीर नष्ट हो कर राख बन जाता है तो मनुष्य का फिर से आना (पूनर्जन्म) कैसे संभव हो सकता है।
दुनिया आगे बढ़ रही है लेकिन आप केवल अपने परिवारों तक ही सीमित
सीएम ने विधानसभा में 'विज़न डॉक्यूमेंट 2047' पर 24 घंटे चली चर्चा पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, "...समाजवादी पार्टी की हालत कुएं के मेंढक जैसी है। दुनिया आगे बढ़ रही है लेकिन आप केवल अपने परिवारों तक ही सीमित होना चाहते हैं और आप उत्तर प्रदेश के साथ भी यही करना चाहते हैं। योगी आदित्यनाथ ने कहा, "...इस चर्चा में 187 सदस्यों ने हिस्सा लिया है। हमें इस पर भविष्य के लिए व्यापक रणनीति बनानी है। हम इस पर सभी अलग-अलग हितधारकों के पास जाएंगे और चर्चा करेंगे...मैं सभी सदस्यों, खासकर विपक्ष के नेता, जिन्होंने इस चर्चा में हिस्सा लिया, का धन्यवाद करता हूं।
देशवासियों को इतिहास से सबक लेने का आह्वान
उन्होंने कहा कि आज 14 अगस्त 1947 की विभाजन विभीषिका को याद करते हुए पूरा देश शोकाकुल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2021 में इस दिन को स्मृति दिवस घोषित कर इतिहास को जीवंत किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस'के अवसर पर लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया और देशवासियों को इतिहास से सबक लेने का आह्वान किया। प्रदर्शनी में विभाजन के बाद उपजी हिंसा और उससे प्रभावित लोगों से संबंधित डिजिटल आकरइव फोटो, अखबार कतरनें, राजकीय अभिलेख और विस्थापित परिवारों की संरक्षित सामग्री के जरिए युवाओं को तुष्टिकरण की कीमत उस दौर की वेदना से अवगत कराया गया। योगी ने कहा कि स्वतंत्रता के लिए क्रांतिकारियों ने फांसी के फंदे को गले लगाया, लेकिन कांग्रेस ने सत्ता लालच में देश का बंटवारा कराया।
कांग्रेस ने अत्याचारों की पराकाष्ठा पार थी
उन्होंने आरोप लगाया कि पश्चिमी पाकिस्तान के लाहौर, कराची, रावलपिंडी, मुल्तान जैसे क्षेत्रों को हिंदू, सिख और बौद्ध विहीन बनाने का अभियान कांग्रेस की नीति का नतीजा था। इस हिंसा में 15-20 लाख लोगों की जान गई और करोड़ों विस्थापित हुए। सीएम योगी ने कहा कि यह अत्याचारों की पराकाष्ठा थी, जिसे कांग्रेस ने बढ़ावा दिया। कांग्रेस पर विस्थापितों के प्रति उदासीनता का भी आरोप लगाते हुये उन्होंने कहा कि जो हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन और ईसाई समुदाय के लोग घर-बार छोड़कर आए, उनके लिए तत्कालीन सरकार ने न स्मारक बनाए, न संग्रहालय स्थापित किए। उनकी पीड़ा को भुला दिया गया। इसके विपरीत, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सराहना की, जिन्होंने सीएए के जरिए शरणार्थियों को नागरिकता और पुनर्वास का अधिकार दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहली बार जम्मू-कश्मीर और अन्य क्षेत्रों में शरणार्थियों को सीएए से नागरिकता मिली। ये लोग भारत के विकास में योगदान दे रहे हैं, लेकिन कांग्रेस ने उनके पुनर्वास के लिए कभी प्रयास नहीं किया। योगी ने पीड़तिों को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि उनकी स्मृतियों को हमारा नमन है। उन्होने घोषणा की कि उत्तर प्रदेश सरकार सीएए के तहत पात्र परिवारों को जमीन के पट्टे और उचित पुनर्वास देगी। हम उनके हितों की रक्षा और सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। योगी ने कहा कि प्रदर्शनी के माध्यम से देश के युवाओं को इतिहास से जोड़ना जरूरी है। इसमें विभाजन की त्रासदी, दंगे, विस्थापन और कत्लेआम की झलकियां दर्शाई गई हैं। सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में यह पहल पीड़ति परिवारों के घावों पर मरहम लगाने का काम कर रही है और आने वाली पीढि़यों को सच से भी अवगत करा रही है। इस दौरान उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी सहित कई गणमान्य मौजूद रहे।