Ambedkar Nagar News: हिरासत में मौत के 3 साल बाद अदालत ने फिर खोला 8 पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस, जानिए क्या है वजह?

Edited By Anil Kapoor,Updated: 04 Nov, 2024 02:32 PM

reopen the case of 2021 custodial death against eight policemen court

Ambedkar Nagar News: जिले की एक अदालत ने 2021 में 36 वर्षीय एक व्यक्ति की हिरासत में हुई मौत के मामले को सुनवाई के लिए फिर से खोलने का आदेश दिया और यह भी कहा कि इसकी जांच 'अधूरी' तथा 'दोषपूर्ण' प्रतीत होती है। इस मामले में 8 पुलिसकर्मी हत्या के...

Ambedkar Nagar News: जिले की एक अदालत ने 2021 में 36 वर्षीय एक व्यक्ति की हिरासत में हुई मौत के मामले को सुनवाई के लिए फिर से खोलने का आदेश दिया और यह भी कहा कि इसकी जांच 'अधूरी' तथा 'दोषपूर्ण' प्रतीत होती है। इस मामले में 8 पुलिसकर्मी हत्या के आरोपों का सामना कर रहे हैं। अदालत के आदेश पर पुलिस अधीक्षक ने क्षेत्राधिकारी अकबरपुर को मामले की जांच करने का निर्देश दिया है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) सुधा यादव की अदालत ने जियाउद्दीन के शव पर मिले गहरी चोट के निशानों का उल्लेख करते हुए पुलिस की इस दलील को खारिज कर दिया कि उसकी (जियाउद्दीन) मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई थी।

24 मार्च 2021 को मौत का यह मामला आंबेडकर नगर जिले का
अदालत ने 4 अक्टूबर के अपने आदेश में कहा कि जियाउद्दीन की उम्र 36 वर्ष बताई गई है तथा अतीत में उसे कोई गंभीर बीमारी होने का कोई साक्ष्य नहीं है, न ही उसके द्वारा शराब या मादक पदार्थ का सेवन किए जाने का कोई उल्लेख है, जिससे उसकी मौत हुई हो। इन बिंदुओं पर पुलिस द्वारा की गई जांच अधूरी और दोषपूर्ण प्रतीत होती है। पुलिस हिरासत में 24 मार्च 2021 को मौत का यह मामला आंबेडकर नगर जिले का है। सम्मनपुर थाने में पुलिस हिरासत में जियाउद्दीन की मौत के संबंध में 26 मार्च 2021 को थाने के आठ पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने लूटपाट के एक मामले में जियाउद्दीन को सम्मनपुर थाने में हिरासत में रखा था। मृतक के भाई शहाबुद्दीन की शिकायत पर सभी आठ पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या और अपहरण का मामला दर्ज किया गया।

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में जियाउद्दीन के शरीर पर मिले गहरी चोटों के निशान
शहाबुद्दीन ने आरोप लगाया था कि उसके भाई को थाने में लगातार पीटा गया और अगले दिन जब उसकी हालत बिगड़ी तो पुलिस ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां कुछ देर बाद ही उसकी मौत हो गई। न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा कि हालांकि अधिकारी हिरासत में किसी भी तरह की यातना से इनकार करते रहे, लेकिन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में जियाउद्दीन के शरीर पर मिले गहरी चोट के निशानों ने 8 पुलिसकर्मियों के खिलाफ संदेह पैदा कर दिया है। जांच अधिकारी बीरेंद्र बहादुर सिंह ने दो अक्टूबर 2022 को अपनी रिपोर्ट में हिरासत में मौत के मामले के आरोपी सभी पुलिसकर्मियों को दोषमुक्त बताया था और कहा था कि मौत दिल का दौरा पड़ने के कारण हुई। इसके बाद शहाबुद्दीन ने पुलिस की अंतिम रिपोर्ट के खिलाफ अदालत में याचिका दायर की। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में जियाउद्दीन के शरीर पर गहरी चोट के निशान होने की बात कही गई थी।

हिरासत में मौत के आरोपी सभी 8 पुलिसकर्मी वर्तमान में पुलिस में कार्यरत
न्यायाधीश ने कहा कि वादी द्वारा प्रस्तुत याचिका स्वीकार की जाती है, और मामले में अन्वेषक द्वारा प्रस्तुत अंतिम रिपोर्ट तदनुसार खारिज की जाती है। आदेश में कहा गया कि आंबेडकर नगर के पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया जाता है कि वह वादी द्वारा उठाई गई आपत्ति और उपरोक्त टिप्पणियों के मद्देनजर अपनी निगरानी में निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए पुलिस उपाधीक्षक स्तर के एक अधिकारी को नियुक्त करें। आंबेडकर नगर के पुलिस अधीक्षक कौस्तभ ने बताया कि अकबरपुर के क्षेत्राधिकारी (नगर) देवेंद्र मौर्य को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। हिरासत में मौत के आरोपी सभी 8 पुलिसकर्मी वर्तमान में पुलिस में कार्यरत हैं।

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