Edited By Anil Kapoor,Updated: 26 Sep, 2024 02:30 PM
Prayagraj News: 80 वर्ष के बुजुर्ग दंपति के बीच गुजारा भत्ता को लेकर चल रहे विवाद पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने टिप्पणी की, “लगता है कलयुग आ गया है।” न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने अलीगढ़ के 80 वर्षीय मुनेश कुमार गुप्ता की आपराधिक पुनरीक्षण याचिका...
Prayagraj News: 80 वर्ष के बुजुर्ग दंपति के बीच गुजारा भत्ता को लेकर चल रहे विवाद पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने टिप्पणी की, “लगता है कलयुग आ गया है।” न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने अलीगढ़ के 80 वर्षीय मुनेश कुमार गुप्ता की आपराधिक पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की।
80-75 साल के बुजुर्ग दंपति का गुजारा भत्ता विवाद पहुंचा कोर्ट
मिली जानकारी के मुताबिक, याचिकाकर्ता ने अपनी पत्नी गायत्री देवी को प्रतिमाह 5,000 रुपए गुजारा भत्ता देने के अधीनस्थ अदालत के आदेश को चुनौती दी है। यह विवाद तब खड़ा हुआ जब गायत्री देवी ने पारिवारिक अदालत में अपने पति से वित्तीय सहायता दिलाने की मांग की। गायत्री देवी ने अदालत को बताया था कि उसके पति को प्रतिमाह 35,000 रुपये पेंशन मिलती है। पारिवारिक अदालत ने गुजारा भत्ता के तौर पर 5,000 रुपए प्रतिमाह गायत्री देवी को देने का उनके पति को आदेश दिया।
सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति शमशेरी बोले- ऐसा लगता है कि कलयुग आ गया
बताया जा रहा है कि इस मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति शमशेरी ने कहा कि ऐसा लगता है कि कलयुग आ गया है क्योंकि करीब 75-80 साल की बुजुर्ग दंपति गुजारा भत्ता के लिए एक दूसरे के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। सुनवाई के बाद अदालत ने 30 सितंबर को इस उम्मीद में गायत्री देवी को नोटिस जारी किया कि दोनों संतोषजनक समाधान पर पहुंच सकें।