'मंदिर तोड़ने वालों को नहीं पढ़ाएंगे': 5 साल के मुस्लिम बच्चे पर लगाया धार्मिक उन्माद फैलाने का आरोप, नफरती प्रधानाचार्य की करतूत आई सामने

Edited By Imran,Updated: 05 Sep, 2024 07:21 PM

5 year old muslim child accused of spreading religious fanaticism

देश में राजनीतिक पार्टियों के द्वारा हिंदू-मुस्लिम का फसल इस कदर बोया गया है कि इसका असर गली-मोहल्लों में तो था ही लेकिन अब यह विद्या के मंदिर में फलती जा रही है।

अमरोहा ( मो. आसिफ ): देश में राजनीतिक पार्टियों के द्वारा हिंदू-मुस्लिम का फसल इस कदर बोया गया है कि इसका असर गली-मोहल्लों में तो था ही लेकिन अब यह विद्या के मंदिर में फैलती जा रही है। जी हां, जिस विद्यालय में 'सभी धर्मों का हो सम्मान...मानव-मानव एक समान' जैसे स्लोगन लिखे जाते हों। उन विद्यालयों में भी अब धार्मिक भेदभाव ने अपनी जगह बना ली है। सोचिए क्या होगा अगर जिस गुरू के हाथ में बच्चों के भविष्य का डोर होता है उसे ही बच्चों के अंदर धर्म दिखने लगे। धर्म के आधार पर भेदभाव करने लगे।  

दरअसल, यूपी के अमरोहा जिले में जोया रोड पर हिल्टन पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य ने एक 5 साल के मासूम पर क्लास में नानवेज और धार्मिक उन्माद फैलाने का आरोप लगाते हुए उसे विद्यालय में पढ़ाने से इंकार कर दिया और सुबह से दोपहर तक बैठा कर रखा क्लास में नहीं जाने दिया। जब परिजनों को इस बात की भनक लगी तो वह परिसर में पहुंचे और प्रधानाचार्य से बच्चे को न पढ़ाने का कारण पूछे तो वह परिजनों से बहस करने लगा। नफरती प्रधानाचार्य ने इस दौरान बच्चे के माता से यह भी कह दिया कि हम मंदिर तोड़ने वालों को अपने यहां नहीं पढ़ाएंगे। आपका लड़का मंदिर तोड़ने की बात करता है। जरा सोचिए प्रधानाचर्य ने यह आरोप एक 5 साल के विद्यार्थी पर लगाया है।
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शिक्षा के मंदिर में मजहबी जहर घोलने की कोशिश
शिक्षा के मंदिर में मजहबी जहर घोलने की कोशिश करने वाले शिक्षक का वीडियो वायरल होने के बाद मुस्लिम कमेटी के लोगों ने इसकी शिकायत करने के लिए अमरोहा उपजिलाअधिकारी को इस मामले में ज्ञापन सौंपा है। इसके साथ ही केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के पास भी इस शिकायत को लेकर जाने की बात कही है।
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मुस्लिम समाज के लोगों ने कहा है कि आने वाले हमारे नस्लों पर अभी से गंभीर आरोप लगाए जा रह हैं। एक स्कूल के गुरू ने 5 साल के बच्चे पर धार्मिक उन्माद फैलाने का आरोप लगाया है हम चाहते हैं कि ऐसे शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, उसे गिरफ्तार कर जेल भेज देना चाहिए। कोई भी माता पिता अपने बच्चे को स्कूल के मंदिर में बच्चों को इस लिए भेजते हैं कि उनके बच्चों का भविष्य उज्ज्वल हो सके न कि धार्मिक उन्माद फैलाएं।  


 

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