Edited By Imran,Updated: 24 Feb, 2023 01:11 PM
देश में पिछले कई दिनों से 'रामचरितमानस' और 'शूद्र' को लेकर जमकर राजनीति किया जा रहा था। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने तो यह भी कह दिया था कि मैं शूद्र हूं या नहीं यह बात मैं सीएम योगी से सदन में पूछूंगा।
लखनऊ: प्रदेश में पिछले कई दिनों से 'रामचरितमानस' और 'शूद्र' को लेकर जमकर राजनीति किया जा रहा था। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने तो यह भी कह दिया था कि मैं शूद्र हूं या नहीं यह बात मैं सीएम योगी से सदन में पूछूंगा। हालांकि कल राज्यपाल के अभिभाषण पर बोल रहे थे लेकिन वह इस मामले पर चुप्पी साधे हुए थे। यानी अखिलेश यादव अब इस मुद्दे पर कन्नी काटते नजर आ रहे हैं।
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दरअसल, राजनीति के जानकारों की मानें तो राम गोपाल यादव और चाचा शिवपाल यादव द्वारा खुद को इस विवाद से अलग करने का सीधा संदेश अखिलेश यादव को मिला। यही नहीं, पार्टी का गुट स्वामी प्रसाद मौर्य का विरोध कर रहा था, इस वजह से बीते दिनों अखिलेश यादव ने नेताओं और कार्यकर्ताओं को धार्मिक मुद्दों पर बोलने से बचने के लिए भी कहा था। तब सपा ने इस संबंध में एक पत्र भी जारी किया था। जिसके बाद अखिलेश यादव भी खुद इसी राह पर चलते नजर आए हैं। उसके बाद सपा प्रमुख ने भी इस पूरे विवाद पर चुप्पी साध रखी है।
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राजनीति जानकारों का कहना है कि अगर अखिलेश यादव 'रामचरितमानस' और 'शूद्र को लेकर विधानसभा में सवाल उठाते तो उनका जातीय जनगणना की जो मांग है वह कही न कही धूमिल हो जाती। इसलिए उन्होंने धार्मिक मामलों से दूर रहना ही उचित समझा ।
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