Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 23 May, 2020 10:52 AM
उत्तर प्रदेश में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अलविदा की नमाज घर पर ही अदा कर अनुशासन के साथ कोरोना संक्रमण के खिलाफ लड़ाई के अपने इरादे को जगजाहिर कर दिया वहीं सुहाग की सलामती के लिये वट पूजा की परंपरा का निर्वहन भी सुहागिन महिलाओं ने घर की चारदिवारी...
लखनऊः उत्तर प्रदेश में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अलविदा की नमाज घर पर ही अदा कर अनुशासन के साथ कोरोना संक्रमण के खिलाफ लड़ाई के अपने इरादे को जगजाहिर कर दिया वहीं सुहाग की सलामती के लिये वट पूजा की परंपरा का निर्वहन भी सुहागिन महिलाओं ने घर की चारदिवारी में किया।
राज्य भर में अलविदा की नमाज के दौरान पुलिस को हर साल की तरह आज यातायात प्रबंधन और कानून व्यवस्था बनाये रखने की जद्दोजहद नहीं करनी पड़ी। मस्जिदों में पांच लोगों ने नमाज पढ़ कर अल्लाह से मुल्क की सलामती और कोरोना वायरस से बचाने के लिये दुआ मांगी वहीं करोड़ों मुसलमानों ने परिवार के साथ घरों में ही नमाज अदा की। ईदगाह और मस्जिदों में आमतौर पर सन्नाटा पसरा रहा।
मुस्लिमों ने सरकार और धर्मगुरूओं की अपील का अक्षरश: पालन किया हालांकि मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में मायूसी का आलम रहा। लोगबाग इस बार रमजान में एक भी नमाज मस्जिदों में अदा नहीं कर सके है लेकिन ज्यादातर का मानना था कि अल्लाह की मर्जी के आगे पत्ता भी नहीं हिल सकता और शायद इस बार उनका पैगाम यही है कि रोजा रखने के साथ अनुशासन का भी परिचय दिया जाये।
अलविदा की नमाज के बाद हर साल बाजारों में खरीददारों की भीड़ उमड़ पड़ती थी, लेकिन इस बार हालात तनिक जुदा हैं। शाम छह बजे बाजार बंदी के आदेश से अब दिन में ही कपड़ों,गहनों और जूते चप्पलों समेत अन्य जरूरी चीजों की खरीददारी कर रहे हैं जिससे हर साल मोटी कमाई करने वाले दुकानदारों में मायूसी पसरी है। व्हाट्सएप और फेसबुक पर संवाद कायम रखते हुये लोग एक दूसरे से अपील कर रहे है कि इस साल वे नये कपड़ों की बजाय गरीब और लाचार की मदद में ज्यादा खर्च करेंगे ताकि हर कोई ईद की खुशियां अच्छे ढंग से मना सके। नमाज के दौरान प्रार्थना की गयी कि अल्लाह देश दुनिया पर आये इस खतरे को दूर करे और कम से कम जनहानि हो।
वहीं दूसरी ओर आज ही के दिन हिन्दू व्रती महिलाओं ने वट वृक्ष पर जाने की बजाय वृक्ष की टहनी गमलों पर लगाकर पूजा अर्चना की। हालांकि बरगद के पेड़ की टहनी लेने के लिये लोगबाग सड़क के किनारे और पाकर में लगे वृक्षों को तलाश करते नजर आये। इस बार नवरात्रि में कमाई करने के वंचित रह गये मालियों ने हालांकि इस मौके का भरपूर फायदा उठाया और टहनियों के एवज में अच्छी कमाई की।
इस दौरान ग्रामीण इलाकों में वट वृक्ष के नीचे महिलाओं की खासी तादाद देखी गयी लेकिन कई स्थानों पर पुलिस की चेतावनी के बाद महिलाओं का हुजूम हट गया और उन्होने सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुये पूजा अर्चना की। शहरी इलाकों में भोर चार बजे से ही इक्का दुक्का महिलाये वट पूजा में मशगूल दिखी हालांकि दिन चढने के साथ इन स्थानों पर सन्नाटा पसर गया।