Edited By Mamta Yadav,Updated: 24 Jan, 2023 02:21 AM

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM yogi Adityanath) ने सोमवार को पर्वतीय महापरिषद (Mountain council) की ओर से पंडित गोविंद वल्लभ पंत पर्वतीय सांस्कृतिक उपवन (Pandit Govind Vallabh Pant Hill Cultural Park) में आयोजित...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM yogi Adityanath) ने सोमवार को पर्वतीय महापरिषद (Mountain council) की ओर से पंडित गोविंद वल्लभ पंत पर्वतीय सांस्कृतिक उपवन (Pandit Govind Vallabh Pant Hill Cultural Park) में आयोजित उत्तरायणी कौथिक (Mela) के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि यूपी (UP) और उत्तराखंड (Uttarakhand) राजनीतिक रूप से दो अलग-अलग राज्य हो सकते हैं, लेकिन उनकी आत्मा एक ही है। उन्होंने आगे कहा कि उत्तराखंड में गंगा का पानी गंगासागर तक तभी पहुंचेगा, जब उत्तराखंड की पहाड़ियों से होकर नीचे आएगा, फिर उत्तर प्रदेश होते हुए आगे बढ़ेगा। उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड अलग होकर रह ही नहीं सकते।"

उत्तराखंड वासियों को राष्ट्रभक्ति का परचम लहराने के लिए तैयार रहना होगा
पर्वतीय महापरिषद की ओर से 'वीर चंद्र सिंह गढ़वाली वीरता सम्मान' देश के प्रथम प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) दिवंगत जनरल बिपिन रावत को दिया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह सम्मान दिवंगत जनरल बिपिन रावत के भाई कर्नल विजय रावत को प्रदान किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड वासियों को राष्ट्रभक्ति का परचम लहराने के लिए तैयार रहना होगा। जहां राष्ट्रभक्ति व राष्ट्रवाद की बात आएगी तो कोई भी नागरिक समझौता नहीं करेगा। यही जनरल बिपिन रावत व वीर चंद्र सिंह गढ़वाली के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

जनरल रावत की सेवाओं को देखते हुए पद्म पुरस्कार से सम्मानित
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत के पहले सीडीएस के रूप में जनरल रावत का इस कार्यक्रम में यहां कई बार आना हुआ। उन्होंने कहा कि पूरा भारत उनके शौर्य, पराक्रम, रक्षा सेनाओं को समृद्ध और आधुनिक दृष्टि से दक्ष बनाने के लिए किए गए प्रयासों के लिए सदैव कृतज्ञता प्रकट करता है। उन्होंने कहा कि रावत की सेवाओं को देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें पद्म पुरस्कार से भी सम्मानित किया। उत्तराखंड उनकी जन्मभूमि होने के कारण पूरा भारत उन पर गौरव की अनुभूति करता रहा है।