Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 28 May, 2024 04:58 PM
उत्तर प्रदेश में आम चुनाव की लड़ाई अब आखिरी चरण में पहुंच गई है। इस चरण के रण को जीतने के लिए सियासी दल प्र...
Lok Sabha Elections 2024: उत्तर प्रदेश में आम चुनाव की लड़ाई अब आखिरी चरण में पहुंच गई है। इस चरण के रण को जीतने के लिए सियासी दल प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक रहे हैं, जिसके चलते पूर्वांचल में चुनावी संग्राम अपने चर्म पर हैं। सातवें चरण में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी के भाग्य का फैसला होना है।जनता अपने हाथों से किसकी किस्मत क्या लिखती है इसी पर सभी की निगाहें लगी है। बता दें कि आखिरी चरण में यूपी की 13 सीटें बची हैं, जिन पर आगामी 1 जून को 24 के रण में सातवें चरण का चुनाव है। इसमें पूर्वांचल के गोरखपुर, मिर्जापुर और बनारस मंडल की सीटें हैं। जिनमें महाराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, बांसगांव, घोसी, सलेमपुर, बलिया, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर और राबर्ट्सगंज सीट शामिल है। इसमें बांसगांव और राबर्ट्सगंज सुरक्षित लोकसभा है।
2019 के आंकड़ों पर एक नजर
अगर सातवें चरण की सीटों पर साल 2019 के चुनाव परिणाम की बात करें, तो यहां की बाजी बीजेपी के एनडीए के हाथ रही थी, जहां बीजेपी ने 9 सीटें जीती थी। वहीं, 2 सीट मिर्जापुर और राबर्ट्सगंज बीजेपी की सहयोगी अनुप्रिया पटेल की अपना दल के खाते में गई थी। इस हिसाब से एनडीए को कुल 11 सीटें मिली थी जबकि 2 सीटों घोसी और गाजीपुर पर बसपा का हाथी मस्त चाल चला था। इस चरण में बीजेपी की जीत वाली दो सीटों बलिया और चंदौली में मुकाबला बहुत कांटे का रहा था। यहां पर साल 2019 में हार-जीत का फैसला मतगणना के अंतिम चक्र में हुआ था। बीजेपी और सपा प्रत्याशी के बीच बहुत कम वोटों का अंतर था, जहां बलिया में बीजेपी के वीरेंद्र सिंह सपा के सनातन पांडे से महज 15 हजार वोटों से जीते थे। वहीं, पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी से सटी चंदौली पर बीजेपी के महेंद्र नाथ पांडे का सपा के संजय चौहान से जीत का फासला 13 हजार मतों का ही था।
इस बार पक्ष और विपक्ष में कड़ी टक्कर
दरअसल, यूपी में पिछली बार की तरह अंतिम चरण की सीटों पर मुकाबला एकतरफा बीजेपी के पक्ष में दिखाई नहीं दे रहा है। इस बार 24 के रण में पूर्वांचल की लड़ाई इंडिया और एनडीए गठबंधन के बीच बेहद नजदीक नजर आ रही है। ऐसे में कम अंतर वाली सीटों पर अबकी बार चुनाव परिणाम में बदलाव की संभावना अधिक है, जिस तरह का माहौल सातवें चरण में दिख रहा है। अगर वो मतदान में दिखाई देता है, तो परिणाम पर बड़ा फर्क डाल सकता है, जो बीजेपी के लिए नुकसान की कहानी को भी लिख सकता है और इंडिया की राह को आसान भी कर सकता है। ऐसे में पिछली बार का प्रदर्शन दोहरा पाना एनडीए के लिए पूर्वांचल में आसान नजर नहीं आ रहा है। वहीं, काशी में पीएम मोदी, गाजीपुर में अफजाल अंसारी और मिर्जापुर में अनुप्रिया पटेल की किस्मत का फैसला भी इसी चरण में जनता करेगी।