Edited By Pooja Gill,Updated: 14 Dec, 2025 11:09 AM

लखनऊ: वायु प्रदूषण की बढ़ती चुनौती से निपटने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आगामी माह जनवरी 2026 में उत्तर प्रदेश स्वच्छ वायु प्रबंधन परियोजना (UP CAMP) का शुभारंभ करेंगे...
लखनऊ: वायु प्रदूषण की बढ़ती चुनौती से निपटने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आगामी माह जनवरी 2026 में उत्तर प्रदेश स्वच्छ वायु प्रबंधन परियोजना (UP CAMP) का शुभारंभ करेंगे। इस परियोजना के शासी निकाय की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव करेंगे, जबकि प्रमुख सचिव और अपर मुख्य सचिव सदस्य के रूप में नामित होंगे। वायु प्रदूषण की गंभीर समस्या से निपटने के उद्देश्य से योगी सरकार विश्व बैंक के सहयोग से यूपीसीएएमपी परियोजना का कार्यान्वयन कर रही है।
बैठक में दिए ये निर्देश
इसी क्रम में हाल ही में यूपीसीएएमपी प्राधिकरण के शासी निकाय की दूसरी बैठक मुख्य सचिव की अध्यक्षता में संपन्न हुई, जिसमें पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग सहित संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक में मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि परियोजना के कार्यान्वयन से जुड़े सभी आवश्यक कदमों की समयबद्ध प्रगति की अद्यतन जानकारी आगामी बैठक में प्रस्तुत की जाए। इस परियोजना को लेकर बीते 3 नवंबर 2025 को नई दिल्ली में आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए), विश्व बैंक और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच परियोजना वार्ता सफलतापूर्वक संपन्न हुई थी। इसके पश्चात 10 दिसंबर 2025 को विश्व बैंक के निदेशक मंडल द्वारा परियोजना को औपचारिक मंजूरी प्रदान की गई। शासी निकाय को परियोजना की संरचना, वित्तपोषण व्यवस्था और विशेष प्रयोजन वाहन के रूप में गठित यूपीसीएएमपी प्राधिकरण के माध्यम से कार्यान्वयन की तैयारियों की विस्तृत जानकारी दी गई।
UP CAMP का कुल परिव्यय 304.66 मिलियन अमेरिकी डॉलर
यूपीसीएएमपी का कुल परिव्यय 304.66 मिलियन अमेरिकी डॉलर है, जिसमें 299.66 मिलियन अमेरिकी डॉलर का ऋण (लगभग 46,188 करोड़ येन के बराबर) और 5 मिलियन अमेरिकी डॉलर का अनुदान शामिल है। इस परियोजना को वर्ष 2025 से 2031 तक छह वर्षों की अवधि में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। परियोजना उद्योग, परिवहन, कृषि, सड़क की धूल, अपशिष्ट प्रबंधन और स्वच्छ खाना पकाने जैसे प्राथमिक क्षेत्रों पर केंद्रित है, जिससे उत्सर्जन में कमी के लिए एक समन्वित और प्रभावी रणनीति अपनाई जा सके। इस परियोजना का प्रमुख उद्देश्य वायुक्षेत्र आधारित वायु गुणवत्ता प्रबंधन को सुद्दढ़ करना और विभिन्न क्षेत्रों में उत्सर्जन को कम करना है। इसके तहत लगभग 39 लाख परिवारों को स्वच्छ खाना पकाने के समाधान उपलब्ध कराए जाएंगे।
स्वच्छ परिवहन को दिया जाएगा बढ़ावा
इसके साथ ही लखनऊ, कानपुर, वाराणसी और गोरखपुर में 15,000 इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर और 500 इलेक्ट्रिक बसों के संचालन से स्वच्छ परिवहन को बढ़ावा दिया जाएगा, जबकि 13,500 प्रदूषणकारी भारी वाहनों के प्रतिस्थापन के लिए प्रोत्साहन भी दिया जाएगा। कृषि और पशुधन प्रबंधन के क्षेत्र में परियोजना के अंतर्गत पोषक तत्व उपयोग दक्षता प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए खेतों में नाइट्रोजन निगरानी प्रणालियों की तैनाती, राज्य कृषि विश्वविद्यालयों की प्रयोगशालाओं को सुद्दढ़ करना, तथा खाद आधारित उर्वरकों और बायोगैस स्लरी के मानकीकृत उपयोग के माध्यम से पशुधन अपशिष्ट प्रबंधन को बेहतर बनाया जाएगा।