समाजवादी पार्टी के ब्राह्मण प्रेम पर भाजपा को ऐतराज

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 09 Aug, 2020 11:00 AM

the bjp objected to the brahmin love of samajwadi party

भगवान परशुराम की प्रतिमा की स्थापना के बहाने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के परंपरागत वोटर माने जाने वाले ब्राह्मणों को रिझाने की समाजवादी पार्टी (सपा) की कोशिश से तिलमिलाये भाजपा नेताओं ने इसे सपा की ओछी राजनीति का परिचायक करार...

लखनऊः भगवान परशुराम की प्रतिमा की स्थापना के बहाने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के परंपरागत वोटर माने जाने वाले ब्राह्मणों को रिझाने की समाजवादी पार्टी (सपा) की कोशिश से तिलमिलाये भाजपा नेताओं ने इसे सपा की ओछी राजनीति का परिचायक करार दिया है। सपा के मूर्ति स्थापना के फैसले का उपहास उड़ाते हुये भाजपा सांसद सुब्रत पाठक ने कहा कि सपा का नया नया ब्राह्मण प्रेम लोगों की समझ से परे है। सपा के सिद्धांत हमेशा से ब्राह्मणों के खिलाफ रहे है। यह सिर्फ घटिया वोट राजनीति का प्रमाण है। सुब्रत पाठक अखिलेश की पत्नी डिपंल यादव को पिछले चुनाव में हरा कर कन्नौज के सांसद बने है।

बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने ट्वीट कर कहा ‘‘ ब्राम्हणों को बुद्धू मत समझिए अखिलेश यादव जी। ब्राह्मण राष्ट्रभक्त होता है, विकास का पक्षधर होता है, नीतियों और कार्यक्रमों से जुड़ता है,उसे प्रलोभन देकर अपमानित मत करिए। राम मंदिर का विरोध और भगवान परशुराम का वोट के लिए इस्तेमाल करने का आपका सपना पूरा नहीं होगा।'' उन्होने कहा ‘‘ उत्तर प्रदेश का ब्राह्मण जानना चाहता है कि आपकी पार्टी के स्थापना से लेकर आज तक कितने ब्राह्मण राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेश अध्यक्ष बने। कितने जिलाध्यक्ष ब्राम्हण हैं तथा लोकसभा चुनाव 2019 में कितने ब्राह्मणों को टिकट दिया था।'' 

द्विवेदी ने कहा ‘‘आपकी सरकार के समय कितने आयोगों और निगमों के अध्यक्ष ब्राम्हण थे तथा लोक सेवा आयोग उप्र द्वारा किस जाति के लोगो का सर्वाधिक चयन हुआ। आपकी पार्टी  के जिन ब्राह्मण नेताओं, माता प्रसाद पाण्डेय जी और डॉ अभिषेक मिश्र, को ब्राम्हणों को जोड़ने का काम सौंपा गया है उन्हें भी लोकसभा चुनाव लड़ाने के योग्य क्यों नहीं समझा गया।'' उन्होंने सवाल किया कि आने वाले दिनों में सपा अपने कोटे की राज्यसभा या विधान परिषद की सीटों पर किन ब्राम्हण नेताओं को भेजने वाली है।

इससे पहले सपा के राष्ट्रीय सचिव अभिषेक मिश्रा ने शुक्रवार को कहा था कि सामाजिक संस्था परशुराम चेतना पीठ लखनऊ में भगवान परशुराम की 108 फिट ऊंची कांस्य प्रतिमा स्थापित करेगी। इसके साथ भगवान परशुराम शोध संस्थान और गुरूकुल की स्थापना की जायेगी जिसमें ब्राहृमण समाज के गरीब बच्चों की शिक्षा का प्रबंध किया जायेगा। चूंकि वह सपा के निष्ठावान कार्यकर्ता है,इसलिये इस काज को सपा से जोड़ना कोई अतिश्योक्ति नहीं कही जा सकती। उन्होंने कहा कि अखिलेश सरकार ने सदैव ब्राहृमणों का सम्मान किया है। लखनऊ में लोहियावादी जनेश्वर मिश्रा पार्क की स्थापना इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है। 

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