इस्लामी शरीयत व कानून के खिलाफ है मस्जिद की जमीन के बदले में जमीन लेनाः जफरयाब जिलानी

Edited By Ajay kumar,Updated: 05 Feb, 2020 06:32 PM

taking land in lieu of mosque land is against

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में राम मंदिर ट्रस्ट के गठन का ऐलान कर दिया है। इसके साथ ही योगी आदित्यनाथ कैबिनेट ने सुन्नी वक्फ बोर्ड को...

लखनऊः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में राम मंदिर ट्रस्ट के गठन का ऐलान कर दिया है। इसके साथ ही योगी आदित्यनाथ कैबिनेट ने सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या के रौनाही में 5 एकड़ जमीन देने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। इस पर लखनऊ में शिया वक्फ बोर्ड ने खुशी जाहिर की है। वहीं बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के सचिव एडवोकेट जफरयाब जिलानी ने कहा कि जमीन लेनी है या नहीं इसका फैसला सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड करेगा।

जिलानी ने कहा कि किसी भी मस्जिद की जमीन के बदले में जमीन न दी जा सकती है ना ली जा सकती है। यह इस्लामी शरीयत और कानून दोनों के ही खिलाफ है। AIMPLB पहले से ही जमीन लेने के पक्ष में नहीं है। हालांकि जमीन सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को दी गई है इसे तय करना है कि जमीन लेनी है या नहीं। यह फैसला 1993 के एक्ट के खिलाफ है साथ ही 1994 में दिए गए कोर्ट के फैसले के खिलाफ भी है।

 

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