कोरोना से ठीक हुए लोगों में लंग्स फाईब्रोसिस के लक्षण, शीघ्र अपनाएं ये प्रणायाम

Edited By Umakant yadav,Updated: 30 Nov, 2020 01:14 PM

symptoms of lung fibrosis in people recovering from corona

कोविड-19 से संक्रमित हुए लोग जो ठीक हो चुके है उनमे से कुछ फीसदी लोगों में लंग्स फाइब्रोसिस की मौजूदगी डाक्टरो द्वारा एक्सरे रिपोर्ट में देखी जा रही है। जिला अस्पताल में कार्यरत कोविड नोडल अधिकारी शिवांका गौड़...

सहारनपुर: कोविड-19 से संक्रमित हुए लोग जो ठीक हो चुके है उनमे से कुछ फीसदी लोगों में लंग्स फाइब्रोसिस की मौजूदगी डाक्टरो द्वारा एक्सरे रिपोर्ट में देखी जा रही है। जिला अस्पताल में कार्यरत कोविड नोडल अधिकारी शिवांका गौड ने आज कहा कि कोरोना संक्रमित मरीजों में निमोनिया व फाइब्रोसिस के लक्षण पाये जाते हैं। रोगियों के फेफड़ों में सिकुड़न व सूजन आने लगती है और सांस लेने छोडने मे परेशानी होती है। ऑक्सीजन का स्तर ऐसे में कम हो जाता है। ऐसे स्थिति में यौगिक प्राणायाम व लंग्स को लचीला बनाने वाले आसन यदि किये जाए तो रोगी को आराम मिलता है।

इस विषय पर योग गुरु गुलशन कुमार की राय
योग गुरु गुलशन कुमार ने इस विषय पर कहा कि जो लोग कोविड के संक्रमण से बच गये हैं उन में से 20-30 फीसदी लोगों में शोटर्नैस आफ ब्रीदिग, ऑक्सीजन के स्तर में गिरावट, खांसी व शारीरिक थकान के लक्षण आ रहे हैं। कोरोना से ठीक होने के बाद लोगो में निमोनिया के लक्षण भी देखे जा रहे है जिससे दस बीस कदम चलने से या सीढ़ियां चढ़ने पर सांस फूलने की शिकायते आ रही हैं। रोगियों का ऑक्सीजन का स्तर 98 से घटकर 70-80 तक रह जाता है। ऐसे में यदि यौगिक प्राणायाम किया जाए तो डायाफ्राम को स्ट्रेन्थ मिलती है व अतिरिक्त कफ को बाहर निकालने मे मदद मिलती है।

रोगी कुर्सी पर बैठकर करे प्राणायाम, मिलता है अधिक लाभ
गहन श्वास प्रश्वास (डीप ब्रीदिंग) करने से अल्वोलाई सेक्स में वायू का आदान प्रदान होने से सक्रियता आने लगती है जिससे ऑक्सीजन का स्तर बढ़ने से सुधार होने लगता है। फाईब्रोसिस में अल्वोलाई मे गाढ़ा द्रव्य भर जाता है। उन्होंने कहा कि सांस लेने में तकलीफ अधिक होने पर रोगी लेटे लेटे धीमी गति से गहरी सांस नासिका से भरे और धीरे पूरी छोड़ दे। यह क्रम तब तक करें जब तक थकान नहीं हो। यदि रोगी बैठ सके तो बैठ कर या कुर्सी पर बैठ कर प्राणायाम करे। इस अवस्था में होठों को सीटी की तरह गोल बना कर सांस धीरे-धीरे लेते जाएं और नासिका छिद्रों से छोड़ दें, यह क्रम भी 20 बार करें।

ऐसा प्रयोग करने से होता है शीघ्र लाभ
अनुलोम विलोम प्राणायाम करें यह क्रम भी बीस बार करे शनै: शनै: समयावधि बढ़ाते जाये। जब अभ्यास करते हुए थकने लगे तो आराम करें। उपरोक्त अभ्यास दिन में बार बार करें। फाइब्रोसिस की समस्या से जूझ रहे अनेकों मरीजों को इन विधियों से लाभ मिला है। इसके साथ साथ रोगियों को ताड़ासन, कोणासन, गोमुखासन, भुजंगासन, मकरासन, श्वासन आदि करने से लाभ मिलता है। ओंकार ध्यान, सकारात्मक सोच पोष्टिक आहार, विटामिन सी से भरपूर फल, हरी सब्जियां लेने से शीध्र लाभ होता है।

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