Edited By Maninder Singh Chadha,Updated: 02 Apr, 2022 04:20 PM
रमजान के पाक महीने की शुरुआत होने में बेहद कम समय का वक़्त रह गया है। अगर 2 अप्रैल की शाम चांद दिखाई दिया तो रमजान 3 अप्रैल से शुरू होगा और अगर 3 अप्रैल की शाम चांद दिखाई दिया तो रमजान 4 अप्रैल से शुरू होगा। रमजान के ठीक एक महीने के बाद ...
प्रयागराज: रमजान के पाक महीने की शुरुआत होने में बेहद कम समय का वक़्त रह गया है। अगर 2 अप्रैल की शाम चांद दिखाई दिया तो रमजान 3 अप्रैल से शुरू होगा और अगर 3 अप्रैल की शाम चांद दिखाई दिया तो रमजान 4 अप्रैल से शुरू होगा। रमजान के ठीक एक महीने के बाद ईद मनाई जाती है। मुसलमानों के इस पाक और मुबारक महीने में हर मुसलमान अल्लाह को याद करता है और दिन भर बिना कुछ खाए पिए रहता है। प्रयागराज में भी दुकानें सज गयी हैं और लोग रमजान की खरीददारी में लग गए हैं। पिछले 2 सालों तक कोरोना महामारी के चलते रमजान को लेकर बाज़ारो में रौनक कम थी लेकिन अब की बार कोरोना संक्रमण कम होने की वजह से बाजारों में रौनक दिखाई दे रही है।
बता दें कि इबादत का महीना रमजान हर मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए खास होता है। ऐसे में इस महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग 30 दिनों तक व्रत रखते है और ठीक एक महीने बाद ईद का त्योहार मनाते हैं। रमजान के दौरान लोग सुबह तकरीबन 4:00 बजे (सहरी) उठकर के भोजन ग्रहण करते हैं जिसके बाद दिनभर व्रत रख के शाम को सूरज ढलते समय (इफ्तार) खजूर खाकर के व्रत तोड़ते हैं। इसी कड़ी में प्रयागराज के बाज़ार रमजान को लेकर खरीददारों की भीड़ से गुलजार हैं। कोई खजूर खरीद रहा है तो कोई सूतफेनी। किसी को टोपी खरीदनी है तो किसी को सहरी और इफ्तार के सामान। खुदा की इबादत में कोई कोर-कसर न रह जाए, इसके लिए धार्मिक किताबों, जानमाज़ और तस्वीह भी ली जा रही है।
इस बार ईरान से आए खजूर की ज्यादा डिमांड है
रोजदारों को इस बार पंद्रह घंटो से ज्यादा का रोज़ा रखना होगा यानी सुबह करीब पौने चार बजे से लेकर शाम सात बजे के बाद तक पानी की एक बूँद लेने पर भी मनाही होगी। मानना है कि जितनी ज्यादा देर तक रोज़ा रखना पड़ेगा, उन्हें इबादत करने और सबाब हासिल करने का उतना ही ज्यादा मौका मिलेगा। खरीदारी करने आई महिलाओ का कहना है कि इस बार महंगाई ज्यादा है और हर समान महंगे दामों पर बिक रहे हैं ऐसे में वह सरकार से अपील कर रहे हैं कि महंगाई में कमी करे , तो उधर दुकानदारों को कहना है कि पिछले 2 सालों से कोरोना काल के चलते बाज़ारो में रोनक नहीं थी लेकिन अब की बार के रमजान में लोग जमकर खरीदारी कर रहे हैं महंगाई की वजह से समान महंगे जरूर हैं लेकिन लोग खरीद रहे हैं। रमजान आते ही खजूर की बिक्री तेज़ी से होती है क्युकी खजूर रोज़ा तोड़ते समय सबसे पहले खाया जाता है बाज़ार में महिलाये रमज़ान के लिए तमाम चीजों की खरीदारी कर रही है।
इस्लामी कैलेण्डर के बारह महीनो में रमजान को सबसे पाक (पवित्र) और मुक़द्दस (इबादत के लिए महत्वपूर्ण) महीना माना जाता है। कहा जाता है कि रमजान के महीने में तीस रोज़े रखकर अल्लाह की इबादत करने वालों के सारे गुनाह माफ़ हो जाते हैं और ज़िंदगी ख़त्म होने पर उन्हें जन्नत में जगह दी जाती है। रमजान के महीने में की गई इबादत का फल आम दिनों से सत्तर गुना ज्यादा हासिल होता है। इस महीने में अल्लाह अपने बंदो की इबादत से खुश होकर उन पर रहमतों की बारिश करते हैं।रमजान के महीने में पूरे तीस दिनों तक सुबह की अज़ान होने के वक्त से लेकर सूरज डूबने के बाद होने वाली मगरब की अजान तक खाना- पानी छोड़कर रोज़ा रखना पड़ता है। इस दौरान लोगों को रोजाना पांच वक्त की नमाज़ अता करनी होती है तो साथ ही गुनाहों और बुराइयों से दूर रहते हुए अपना पूरा इबादत में बिताना पड़ता है... तीस दिन रोज़े रखकर इबादत करने वाले को ही ईद की खुशियाँ मनाने का मौका मिलता है।