Edited By Anil Kapoor,Updated: 22 Aug, 2025 12:53 PM

Sonbhadra News: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले से पुलिस की एक चौंकाने वाली लापरवाही सामने आई है। जहां पुलिस ने 18 साल पहले मारे जा चुके एक व्यक्ति को जमीन विवाद के केस में आरोपी बना दिया। जब अदालत ने उस व्यक्ति को तलब किया तो उसकी पत्नी को खुद आकर...
Sonbhadra News: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले से पुलिस की एक चौंकाने वाली लापरवाही सामने आई है। जहां पुलिस ने 18 साल पहले मारे जा चुके एक व्यक्ति को जमीन विवाद के केस में आरोपी बना दिया। जब अदालत ने उस व्यक्ति को तलब किया तो उसकी पत्नी को खुद आकर अदालत में बताना पड़ा कि उसके पति की मौत साल 2007 में एनकाउंटर में हो चुकी है।
क्या है पूरा मामला?
मिली जानकारी के मुताबिक, सोनभद्र जिले के सुनील कोल नाम के एक व्यक्ति को पुलिस ने अप्रैल 2007 में एक मुठभेड़ (एनकाउंटर) में मार गिराया था। पुलिस का दावा था कि वह नक्सली था। लेकिन अब करीब 18 साल बाद सुनील को एक नए जमीन और नाली विवाद के मामले में नामजद कर दिया गया। पुलिस ने अदालत में रिपोर्ट दाखिल की और मृतक सुनील उर्फ संजय कोल को आरोपी बनाते हुए समन भेज दिया। जब यह समन उनके घर पहुंचा, तो परिवार हैरान रह गया।
कोर्ट में पेश हुई मृतक की पत्नी
मृतक की पत्नी सुशीला देवी अदालत में पेश हुईं और न्यायाधीश को बताया कि उनके पति को 2007 में चंदौली पुलिस ने एनकाउंटर में मार दिया था। उन्होंने यह भी बताया कि सुनील की मौत के बाद उसका अंतिम संस्कार भी किया गया था और परिवार अब उसकी मृत्यु प्रमाण पत्र समेत अन्य दस्तावेजों के साथ जीवन व्यतीत कर रहा है। सुशीला देवी ने आरोप लगाया कि कुछ पुलिस अधिकारी उस पर दबाव बना रहे थे कि वह अपने मृत पति की जमानत कराने का इंतजाम करे।
पुलिस ने मानी गलती
सोनभद्र पुलिस ने अपनी गलती स्वीकार कर ली है। एडिशनल एसपी अनिल कुमार ने बताया कि यह चूक एक सब-इंस्पेक्टर से हुई है, जिसने केस में किसी और व्यक्ति की जगह सुनील कोल का नाम दर्ज कर दिया। उन्होंने कहा कि रॉबर्ट्सगंज थाना प्रभारी को तुरंत गलती सुधारने का आदेश दिया गया है और जिम्मेदार सब-इंस्पेक्टर पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।