अनिल दुजाना के एनकाउंटर पर ओवैसी ने उठाए सवाल, कहा- ‘सजा देना कोर्ट का काम है, गोली से किसी को सजा नहीं दी जाती’

Edited By Ramkesh,Updated: 05 May, 2023 01:58 PM

it is the job of the court to punish no one is punished with a bullet

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने खूंखार गैंगस्टर अनिल दुजाना एनकाउंटर को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि  ‘मैं एनकाउंटर के खिलाफ था और रहूंगा’। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से उत्तर प्रदेश में...

लखनऊ: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने खूंखार गैंगस्टर अनिल दुजाना एनकाउंटर को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि  ‘मैं एनकाउंटर के खिलाफ था और रहूंगा’। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से उत्तर प्रदेश में पुलिस एनकाउंटर कर रही है उससे लोगों का संविधान और न्यायपालिका से विश्वास उठ जाएगा। उन्होंने कहा कि अपराधी को सजा देने का अधिकार कोर्ट है न कि पुलिस को।  उन्होंने कहा कि जिस तरीके से अब्बास, अतीक, अशरफ को गोली मारी, गई मैने तब भी सवाल उठाया था कि पुलिस की कस्टडी में हत्या गलत है, आज मैं दुजाना को लेकर कह रहा हूं कि एनकाउंटर गलत है, उन्होंने कहा एनकाउंटर से क़ानून का शासन कमजोर होता है, लोगों का संविधान में विश्वास कम होता है। सजा देना कोर्ट का काम है, गोली से किसी को सजा नहीं दी जाती।

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हत्या के  18 मामलों में आरोपी था गैंगस्टर अनिल दुजाना
बता दें कि उत्तर प्रदेश पुलिस (Uttar Pradesh Police) के विशेष कार्य बल (STF) ने मुठभेड़ (Encounter) में गुरुवार को खूंखार गैंगस्टर अनिल दुजाना को मार गिराया। अपर पुलिस महानिदेशक (एसटीएफ) अमिताभ यश ने बताया, "अनिल दुजाना पर हत्या के  18 मामलों में आरोपी था इस पर कुल 65 मुकदमे दर्ज थे। उन्होंने बताया कि वांछित अपराधी था, मेरठ के एक गांव में हमारी टीम ने उसे घेर लिया था। दुजाना ने बचने के लिए हमारी टीम पर गोलीबारी की और जवाबी कार्रवाई में वह मारा गया।" दुजाना को घेरने वाली एसटीएफ टीम का नेतृत्व उप्र एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक बृजेश सिंह कर रहे थे। मुठभेड़ राज्य में शहरी स्थानीय निकाय चुनाव के पहले चरण के मतदान के दिन हुई। योगी आदित्यनाथ सरकार का प्रमुख चुनावी मुद्दा कानून और व्यवस्था के मुद्दे पर सख्ती से निपटा रहा है। कुछ दिन पहले, गैंगस्टर-राजनेता अतीक अहमद के बेटे असद अहमद और उसके साथी को उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ मुठभेड़ में मार गिराया गया था। कुछ दिनों बाद, अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद को प्रयागराज में तीन लोगों ने गोली मार दी, जब उन्हें पुलिस दोनों को लेकर अस्पताल जा रही थी।

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मुठभेड़ के दौरान दुजाना गाड़ी में था अकेला: STF
विशेष पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने लखनऊ में संवाददाताओं से कहा, ‘‘दुजाना हाल ही में जेल से जमानत पर रिहा हुआ था। वह जेल से बाहर आने के बाद फिर से अपना गिरोह बनाने की कोशिश कर रहा था, और उसके खिलाफ गौतमबुद्ध नगर जिले के दादरी थाने में एक व्यक्ति को जबरन वसूली की धमकी देने का मामला भी दर्ज किया गया था।" कुमार ने बताया कि दुजाना उन 65 माफियाओं में शामिल है, जिनकी गतिविधियों पर उत्तर प्रदेश पुलिस लगातार नजर रख रही है । उन्होंने बताया, "प्रारंभिक जानकारी के अनुसार अनिल दुजाना अपने गिरोह के कुछ सदस्यों से मिलने एक जीप में जा रहा था। एसटीएफ टीम द्वारा घेर लिए जाने के बाद वह नियंत्रण खो बैठा और जीप बिजली के खंभे से टकरा गई।'' पुलिस ने दुजाना के वाहन से दो पिस्तौल और भारी मात्रा में कारतूस बरामद किया था। अधिकारी ने बताया कि मुठभेड़ के समय दुजाना गाड़ी में अकेले था।

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बड़ी आपराधिक घटना" की योजना बना रहा था गैंगेस्टर 
एसटीएफ के अनुसार दुजाना अपने गिरोह के सदस्यों से मिलने और "बड़ी आपराधिक घटना" की योजना बनाने के लिए बागपत से मुजफ्फरनगर जा रहा था । गौतमबुद्ध नगर के बादलपुर थाना क्षेत्र के दुजाना गांव निवासी अनिल दुजाना के खिलाफ 65 मामले दर्ज हैं जिनमें पश्चिमी उप्र के विभिन्न जिलों में हत्या, हत्या के प्रयास और रंगदारी मांगने समेत अन्य मामले शामिल हैं। पुलिस ने कहा कि दुजाना के खिलाफ पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों और दिल्ली में हत्या के 18 मामले समेत कुल 65 मामले दर्ज हैं। उसके खिलाफ पहला मामला गाजियाबाद के कविनगर थाने में 2002 में हत्या (302 भादस) का दर्ज किया गया था। दुजाना के खिलाफ हाल ही में दादरी थाने में रंगदारी (386 भादंसं) का मामला इसी साल दर्ज किया गया था।

एसटीएफ अधिकारियों के मुताबिक, अनिल दुजाना अपने शुरुआती सालों में पश्चिम उप्र में सुंदर भाटी गिरोह के लिए काम करता था। बाद में वह सुंदर भाटी और उसके गिरोह के खिलाफ हो गया, जिसके परिणामस्वरूप गिरोहों के बीच गैंगवार हुआ जो लगभग एक दशक तक चला। कई मौकों पर गिरफ्तारी के बावजूद दुजाना सलाखों के पीछे से सक्रिय रहा। एसटीएफ अधिकारियों का दावा है कि उसने अपने कई प्रतिद्वंद्वियों को सलाखों के पीछे से मारने की योजना बनाई और दुश्मनों को खत्‍म करने आदेश दिया था।

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