सरकारी स्कूलों के विलय का फैसला वापस ले सरकार- सपा सांसदों ने लोकसभा में उठाया मुद्दा

Edited By Ramkesh,Updated: 30 Jul, 2025 03:18 PM

government should take back the decision to merge government

उत्तर प्रदेश में सरकारी स्कूलों के विलय का मुद्दा लोकसभा में उठाते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसदों ने मांग की कि केंद्र सरकार को इस दिशा में अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए इस आदेश को वापस कराना चाहिए। सपा के धर्मेंद्र यादव ने शून्यकाल में इस विषय...

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सरकारी स्कूलों के विलय का मुद्दा लोकसभा में उठाते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसदों ने मांग की कि केंद्र सरकार को इस दिशा में अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए इस आदेश को वापस कराना चाहिए। सपा के धर्मेंद्र यादव ने शून्यकाल में इस विषय को उठाते हुए दावा किया कि उत्तर प्रदेश में एक लाख से अधिक सरकारी स्कूल बंद किए जा रहे हैं और कई हजार स्कूलों का विलय किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि एक तरफ प्रदेश में स्कूलों को बंद किया जा रहा है, वहीं 27 हजार से अधिक शराब की दुकानें उन इलाकों में खोल दी गई हैं।

अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकती केंद्र सरकार
यादव ने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश में गरीब, किसान, पिछड़े, अदिवासियों और दलितों के बच्चों को शिक्षा से वंचित नहीं किया जाए। अगर स्कूल बंद किए गए तो समाजवादी पार्टी ‘पीडीए' पाठशाला चलाएगी। अगर गरीबों के बच्चों को शिक्षा से वंचित किया गया तो हम आंदोलन चलाएंगे लेकिन स्कूल बंद नहीं होने देंगे।'' उन्होंने कहा कि शिक्षा बजट में केंद्र सरकार का भी पैसा है, इसलिए केंद्र सरकार अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकती।

बालिकाओं की पढ़ाई होगी मुश्किल
समाजवादी पार्टी ‘पीडीए' शब्द का इस्तेमाल पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यकों के लिए करती है। सपा के नरेशचंद्र पटेल और नीरज मौर्य ने भी इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि स्कूलों के विलय से ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों, विशेष रूप से बालिकाओं के लिए विद्यालय दूर हो जाएंगे और उनकी पढ़ाई मुश्किल हो जाएगी। उन्होंने सरकार से इस आदेश को वापस लिए जाने का अनुरोध किया।

 

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