Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 23 May, 2020 03:21 PM
लॉकडाउन के दौरान अंडों की बिक्री पर भारी गिरावट आई है। इसकी खपत में काफी कमी देखने को मिल रही है। आलम ये है कि शहर की रोजमर्रा की जरूरत के हिसाब से इस समय उत्पादन 12 लाख अंडे का हो रहा है। ऐसे में बचे हुए अंडे सटोर कर रखे गए हैं। अंडे...
कानपुरः लॉकडाउन के दौरान अंडों की बिक्री पर भारी गिरावट आई है। इसकी खपत में काफी कमी देखने को मिल रही है। आलम ये है कि शहर की रोजमर्रा की जरूरत के हिसाब से इस समय उत्पादन 12 लाख अंडे का हो रहा है। बताया जा रहा है कि ऐसे में बचे हुए करीब 40 करोड़ अंडे स्टोर कर रखे गए हैं। अंडे की खपत में आई गिरावट अंडा कारोबारियों के लिए खतरे की घंटी से कम नहीं हैं।
इस बारे में अंडा व्यापारियों का कहना है कि अनुमान के अनुसार इस समय कानपुर के कोल्ड स्टोरेज में करीब 40 करोड़ के अंडे रखे गए हैं। उनका कहना है कि लॉकडाउन से पहले होटलों और रेस्टोरेंट ढाबों पर ही 7 लाख की खपत हुआ करती थी। मगर लॉकडॉन की वजह से खपत कम हो गई है, ऐसे में अंडों को कोल्ड स्टोरेज में ही रखा जा रहा है।
वहीं नवाबगंज के पीएनबी चौराहे पर अंडे का स्टॉल लगाने वाले महेंद्र कुमार का कहना है कि पहले 1 दिन में 3 पेटी यानी 630 संडे बिक जाते थे, अब आधी पेटी मुश्किल हो गया है। पोल्ट्री फॉर्म चलाने वाले रोहित मेहरा कहते हैं कि उत्पादन तो पहले ही जैसा है, कारोबार तो बंद नहीं किया जा सकता। अब बचे हुए अंडों को स्टोरेज किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि चिकन की डिमांड बढ़ने और मक्के की कीमत गिरने के कारण कुछ राहत है।
अंडे की कारोबारी अहमद का कहना है कि लॉकडाउन खुलने के बाद इनके दामों में तेजी आएगी, यह उम्मीद की जाती है। तब जाकर कोल्ड स्टोरेज में व्यापारी अपने 40 करोड़ से ज्यादा के अंडे को बाजार में निकाल पाएगा ताकि उसका मूलधन मिल सके।