Edited By Umakant yadav,Updated: 19 Jan, 2021 01:43 PM
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश में जन शिकायतों के निस्तारण को लेकर काफी गंभीर हैं। जिसके लिए कड़े लहजे में लापरवाही माफ नहीं करने को लेकर अधिकारियों को निर्देशित भी किए हैं।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश में जन शिकायतों के निस्तारण को लेकर काफी गंभीर हैं। जिसके लिए कड़े लहजे में लापरवाही माफ नहीं करने को लेकर अधिकारियों को निर्देशित भी किए हैं। इसके बावजूद लखनऊ समेत कई मंडलीय व जिला स्तर के अधिकारियों की बड़े पैमाने पर लापरवाही सामने आई है। इसके चलते मुख्य सचिव आर० के० तिवारी ने मंडलायुक्त, आईजी, डीआईजी, डीएम, एसएसपी को नाम सहित चिन्हित किया है। इसके साथ ही एक हफ्ते में कार्रवाई कर रिपोर्ट देने के भी निर्देश दिए हैं।
CM कार्यालय की रैंडम जांच में अधिकारियों की लापरवाही उजागर
बता दें कि मुख्य सचिव आर के तिवारी ने सीएम कार्यालय के समाधान पोर्टल पर आई शिकायतों के निस्तारण से जुड़ी कार्रवाई की रैंडम जांच की। जिसमें अधिकारियों की मंडलीय तथा जिला स्तर पर लापरवाही सामने आई है। तिवारी ने पाया कि बिना नोडल अधिकारी का अनुमोदन लिए अन्य संदर्भ में शिकायतें दर्ज की जा रही थीं। इतना ही नहीं शिकायती पत्रों पर आवेदकों का मोबाइल नंबर भी दर्ज नहीं किए जा रहे थे। जांच में 19 जिलों के डीएम, गौतमबुध नगर के पुलिस आयुक्त व 6 जिलों के एसएसपी निर्देशों का पालन नहीं करते मिले।
शिकायतों के निस्तारण में 80 फ़ीसदी फीडबैक नेगेटिव
दरअसल, शिकायतों का निस्तारण करने के मामलों में 80 फीसदी फीडबैक नेगेटिव मिला है। इसमें लखनऊ, गोड़ा, बाराबंकी, अयोध्या, बलरामपुर, बहराइच, सीतापुर, अंबेडकर नगर सहित 30 जिलों के डीएम, लखनऊ पुलिस कमिश्नर की लापरवाही समाने आई है। 18 में से 17 मंडलों के आयुक्त, 18 परिक्षेत्र के पुलिस उपमहानिरीक्षक, महानिरीक्षक 53 जिलों के डीएम व 44 जिलों के एसएसपी लापरवाही बरत रहे हैं। अधिकारियों के लापरवाह रवैये को देखते हुए आर के तिवारी ने जांच कर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं।
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