Edited By Umakant yadav,Updated: 17 May, 2020 07:37 PM
कोरोना वायरस को लेकर देश में चौथे चरण का लॉकडाउन लागू करते हुए 31 मई तक बढ़ा दिया गया है। जिसके तहत किसी भी धार्मिक कार्यक्रम या भीड़ को एकजुट होने की इजाजत नहीं होती। इसी बीच दारुल उलूम देवबंद ने ईदुल...
मेरठ: कोरोना वायरस को लेकर देश में चौथे चरण का लॉकडाउन लागू करते हुए 31 मई तक बढ़ा दिया गया है। जिसके तहत किसी भी धार्मिक कार्यक्रम या भीड़ को एकजुट होने की इजाजत नहीं होती। इसी बीच दारुल उलूम देवबंद ने ईदुल फितर की नमाज अदा करने को लेकर मुस्लिमों की रहनुमाई करते हुए फतवा जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि शासन-प्रशासन के निर्देशों पर अमल करते हुए जुमे की तरह ही ईद की नमाज मस्जिदों या घरों पर अदा करें। यदि मजबूरी में कोई नमाज अदा नहीं कर पाया तो उनके लिए नमाज-ए-ईद माफ होगी।
बता दें कि दारुल उलूम के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी बनारसी ने दारुल इफ्ता (फतवा विभाग) के मुफ्तियों से लिखित में ईद की नमाज को लेकर सवाल किया था। जिस पर मुफ्तियों की खंडपीठ में शामिल मुफ्ती-ए-आजम हबीबुर्रहमान आजमी, मौलाना जैनुल इस्लाम कासमी आदि ने जवाब देते हुए कहा कि ईदुल फितर की नमाज वाजिब है और इसके लिए भी वही शर्त हैं जो जुमे की नमाज के लिए हैं।
यदि ईदुल फितर के त्योहार तक लॉकडाउन जारी रहता है और मस्जिदों में पांच लोगों से ज्यादा लोगों के नमाज की इजाजत नहीं होती है तो जुमे की नमाज की तरह ही ईद की नमाज भी घरों पर अदा की जाएगी। मुफ्तियों ने यह भी कहा कि जिन लोगों के लिए ईद की नमाज की कोई सूरत न बन सके तो वह परेशान न हों, मजबूरी की वजह से उन पर नमाज-ए-ईद माफ होगी।