Edited By Imran,Updated: 30 Sep, 2024 08:05 PM
दलित समुदाय से आने वाले UP के अतुल कुमार JEE क्लियर करने के बावजूद भी IIT में एडमिशन नहीं ले पाए। दरअसल, एडमिशन सिक्योर करने के लिए जो 17,500 रुपए की रकम चाहिए थी, लेकिन उस गरीब परिवार के पास इतने रुपए नहीं थे कि जमा कर के अपनी सीट बुक करा सके।
यूपी डेस्क: दलित समुदाय से आने वाले UP के अतुल कुमार JEE क्लियर करने के बावजूद भी IIT में एडमिशन नहीं ले पाए। दरअसल, एडमिशन सिक्योर करने के लिए जो 17,500 रुपए की रकम चाहिए थी, लेकिन उस गरीब परिवार के पास इतने रुपए नहीं थे कि जमा कर के अपनी सीट बुक करा सके। परिवार पैसे इकट्ठा करने लगा था और फीस भरने की डेडलाइन निकल गई।
जिसके बाद दिहाड़ी मजदूरी करने वाले अतुल के पिता ने बेटे के एडमिशन के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। तीन महीने तक SC/ST आयोग, झारखंड और मद्रास हाई कोर्ट के चक्कर काटे। जब कोई हल नहीं निकला, तब सुप्रीम कोर्ट पहुंचे और, आज सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई जिसमें CJI चंद्रचूड़ ने IIT धनबाद को आदेश दिया है कि अतुल कुमार को एडमिशन दिया जाए।
CJI ने आदेश सुनाते हुए कहा
"हम एक युवा प्रतिभाशाली लड़के को ऐसे नहीं जाने दे सकते। उसे अकेला नहीं छोड़ा जा सकता. वह झारखंड लीगल सर्विसेज अथॉरिटी गया, फिर चेन्नई लीगल सर्विसेज अथॉरिटी और फिर उसे उच्च न्यायालय भेजा गया। वह एक दलित लड़का है जिसे इधर-उधर भटकाया जा रहा है।" कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 142 का उपयोग करते हुए यह निर्णय लिया है। आर्टिकल 142 सुप्रीम कोर्ट को न्याय के हित में आदेश पारित करने की शक्ति देता है।