Edited By Ramkesh,Updated: 01 Aug, 2024 01:40 PM

यूपी में भले ही कार्यदाई संस्थाओं में कार्यों के सुचितापूर्ण आवंटन के लिए ई टेंडरिंग व्यवस्था लागू की गई है, लेकिन अंबेडकरनगर जिले में जिम्मेदार अधिकारियों की नाक के नीचे ई टेंडरिंग व्यवस्था की धज्जियां उड़ाई जा रही है। अधिकारियों और ठेकेदारों का...
अंबेडकरनगर, (कार्तिकेय द्विवेदी): यूपी में भले ही कार्यदाई संस्थाओं में कार्यों के सुचितापूर्ण आवंटन के लिए ई टेंडरिंग व्यवस्था लागू की गई है, लेकिन अंबेडकरनगर जिले में जिम्मेदार अधिकारियों की नाक के नीचे ई टेंडरिंग व्यवस्था की धज्जियां उड़ाई जा रही है। अधिकारियों और ठेकेदारों का गठजोड़ इस तरह हावी है कि बिना टेंडर खुले ही ठेकेदार टेंडर में आवंटित कार्य का निर्माण करा रहे है। मामला तब प्रकाश में आया जब विभागीय मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने इस तरह से हो रहे वित्तीय अनियमितता के बाबत डीएम को जांच कराने के लिए पत्र लिखा।

आप को बता दें कि पूरा मामला जिला पंचायत विभाग का है। जहां पर बीते 9 जुलाई को 8 तरह के निर्माण कार्यों को कराए जाने के लिए ई टेंडरिंग के माध्यम से टेंडर प्रकाशित किया। इस टेंडर के खुलने के तारीख 2 अगस्त है। जिसमें प्रमुख रूप से जिला पंचायत अध्यक्ष के कार्यालय का मेंटिनेंस / सौंदर्यीकरण सहित अन्य 7 निर्माण कार्य कराए जाने थे, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों और ठेकेदारों की आपसी जुगलबंदी ने अन्दर ही अन्दी खेल कर दिया। बिना ई टेंडरिंग की निविदाएं खुले ही चहेते ठेकेदारों ने कार्य को शुरू करा दिया जिसमें में दो कार्य लगभग आधा से ज्यादा पूरा हो चुका है।
मामला तब सामने आया जब पंचायतीराज मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने इस वित्तीय अनियमितता के बारे में जांच कराने के लिए डीएम को पत्र लिखा। जिसके बाद जिला पंचायत से लेकर डीएम ऑफिस तक हड़कंप मच गया। आनन फानन में डीएम ने एडीएम के नेतृत्व में एक टेक्निकल जांच समिति गठित कर दी है। साथ ही डीएम का कहना है कि जांच रिपोर्ट के बाद यदि वित्तीय अनियमितता पाई जाएगी तो कार्रवाई की जायेगी।