अखिलेश का आरोप- प्रयागराज में BJP ने निषाद समाज की नावें तोड़कर उनके पेट पर मारी लात

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 06 Feb, 2021 04:21 PM

akhilesh yadav says bjp in prayagraj broke the boats of the nishad

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर आरोप लगाया है कि प्रयागराज में भाजपा सरकार ने निषाद समाज की नावें तोड़कर उनके पेट पर लात मारी है। भाजपा सरकार तत्काल निषाद समाज से माफी मांगे और रोज़गार के लिए नयी नावें दे। दरअसल पूरा...

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर आरोप लगाया है कि प्रयागराज में भाजपा सरकार ने निषाद समाज की नावें तोड़कर उनके पेट पर लात मारी है। भाजपा सरकार तत्काल निषाद समाज से माफी मांगे और रोज़गार के लिए नयी नावें दे। दरअसल पूरा मामला प्रयागराज में यमुनापार इलाके का है। जहां गुरुवार को अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई के दौरान पुलिस और बालू खनन मजदूरों में झड़प हुई। इस दौरान कई नावें क्षतिग्रस्त कर दी गईं। वहीं मामले में गुस्साए खनन मजूदरों ने मौके पर पहुंचे निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर संजय निषाद और उनके साथ गए नेताओं को भी दौड़ा लिया।

अखिलेश यादव ने ट्वीट में कहा कि यूपी सरकार ने डायल 100 जैसी सुविधाएं निष्क्रिय कर दी हैं, व ठोको नीति के तहत अब गरीबों तक को निशाना बनाया जा रहा है। अखिलेश ने कहा कि भाजपा राज में कोई भी सुखी नहीं है। किसान अपनी खेती बचाने के लिए जीवन-मरण की लड़ाई लड़ रहे हैं। बहरी सरकार उनकी बात नहीं सुन रही है। क्रूरता की हद यह है कि किसानों की बात सुनने के बजाय उनके रास्ते में लोहे के जाल, कील कांटे और लोहे की दीवारें खड़ी की जा रही है। सरकार और किसान के बीच में यह विभाजन रेखा खींचना देश और लोकतंत्र के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि भाजपा जो नए कृषि कानून लाई है, उससे पूरे देश का किसान न केवल चिंतित है अपितु आक्रोशित भी है। भाजपा दमन के जरिए किसानों की आवाज को दबाना-कुचलना चाहती है पर वह न भूले कि इतिहास बताता है कि झूठ और अन्याय की जड़े नहीं होती है, जनाक्रोश के आगे सत्ता की एक नहीं चलती है। किसान कोई बड़ी मांग नहीं कर रहे है। वे केवल तीनों काले कृषि कानूनों की वापसी और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का कानून बनाने की मांग कर रहे है। सरकार इन्हें मानने के बजाय दूसरे विकल्प सुझा रही है जो किसानों को अमान्य है। भाजपा सरकार जो कर रही है, वह अलोकतांत्रिक और अमानवीय है। तानाशाही कभी कहीं भी सफल नहीं हुई है।

इतना ही नहीं अखिलेश ने कहा कि चुनाव से पहले भाजपा किसानों की नहीं अपने पूंजीपति मित्रों की खुशहाली के लिए प्रयासरत है। चंद पूजीपतियों को सरकार सब तरह की सुविधाएं देने के लिए कृषि कानूनों के माध्यम से रास्ता बना रही है। किसान जान रहे हैं कि उनकी खेती बंधक बन जाएगी। उनका स्वामित्व खत्म हो जाएगा और उनको अपनी फसल व्यापारियों की मर्जी पर उनकी तय कीमत पर बेचनी पड़ेगी। वे इसका विरोध कर रहे हैं तो उनके खिलाफ दमन चक्र चलाया जा रहा है।

अखिलेश ने कहा कि समाजवादी पार्टी प्रारम्भ से ही किसानों के साथ है। किसान यात्रा, समाजवादी किसान घेरा, चौपाल और किसान ट्रैक्टर यात्रा निकाल कर समाजवादी पार्टी ने किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर सरकारी नीतियों का विरोध किया है। समाजवादी पार्टी किसानों की पार्टी होने के नाते हमेशा किसानों के साथ खड़ी रहेगी। समाजवादी पार्टी गांव-गांव में जाकर भाजपा सरकार की अन्यायपूर्ण नीतियों का पर्दाफाश करती रहेगी और जनसंवाद, जनसम्पर्क के माध्यम से किसानों के पक्ष में जनजागरण करेगी। किसानों के साथ समाजवादी पार्टी का संवाद अभियान जारी है। 

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