Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 23 Sep, 2020 01:19 PM
''जाको राखे साईंया, मार सके न कोय''... यह कहावत उस समय साकार हो गई जब बल्लभगढ़ रेलवे स्टेशन के पास एक 2 साल के मासूम को उसके ही भाई ने चलती ट्रेन के सामने फेंक दिया। इस दौरान आगरा-नई दिल्ली रेलवे ट्रैक पर मालगाड़ी के लोको पायलट...
आगराः 'जाको राखे साईंया, मार सके न कोय'... यह कहावत उस समय साकार हो गई जब बल्लभगढ़ रेलवे स्टेशन के पास एक 2 साल के मासूम को उसके ही भाई ने चलती ट्रेन के सामने फेंक दिया। इस दौरान आगरा-नई दिल्ली रेलवे ट्रैक पर मालगाड़ी के लोको पायलट की सूझबूझ से मासूम की जान बाल-बाल बचाई। लोको पायलट ने हिम्मत दिखाकर इमरजेंसी ब्रेक लगा दिए और तब जाकर बच्चे की जान बच सकी। उसे सकुशल उसकी मां को सौंप दिया। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वहीं लोको पायलट द्वारा किए गए इस अतुलनीय कार्य की सोशल मीडिया पर भी जमकर तारीफ हो रही है। वहीं आगरा रेल मंडल में भी लोको पायलट दीवान सिंह और अतुल आनंद की जमकर तारीफ हो रही है।
दरअसल, लोको पायलट दीवान सिंह और अस्सिटेंट लोको पायलट अतुल आनंद 21 तारीख को मालगाड़ी को फरीदाबाद से लेकर चले थे। इसी दौरान बल्लभगढ़ स्टेशन के पास अचानक ही एक 15 साल के लड़के ने 2 साल के मासूम को उछाल कर ट्रैक पर फेंक दिया। ट्रेन में तैनात आगरा मंडल के लोको पायलट दीवान सिंह ने तत्काल ब्रेक लगाकर बच्चे को बचा लिया। रेस्क्यू के दौरान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
आगरा पहुंचकर लोको पायलट ने इस घटनाक्रम की जानकारी आला अधिकारियों को दी। लोको पायलट ब्रेक लगाने पर उतरा तो बच्चा पहियों के बीच फंसा था। लोको पायलट ने तत्काल ब्रेक लगाया और गाड़ी से उतरा। बच्चा ट्रेन के इंजन के पहियों के बीच फंसा था। हालांकि, सकुशल था और बहुत डर गया था। लोको पायलट ने उसे इंजन से निकाल कर मां के सौंप कर दिया। इस पूरी घटना की जानकारी उसने आगरा छावनी स्टेशन पर वरिष्ठ मंडल विद्युत अभियंता उत्तर मध्य रेलवे को वीडियो समेत लिखित जानकारी दी। वहीं आगरा रेल मंडल के पीआरओ/ डीसीएम एस.के. श्रीवास्तव ने कहा कि दोनों लोको पायलट ने ये कार्य करके मानवता की मिसाल दी है। इस सराहनीय कार्य के लिए उन्हें विभाग द्वारा सम्मानित किया जायेगा।