Edited By Ramkesh,Updated: 25 Dec, 2025 07:19 PM

उत्तर प्रदेश के महोबा जिले के चरखारी कस्बे से सामने आई एक अनोखी प्रेम कहानी ने पूरे बुंदेलखंड क्षेत्र में चर्चा छेड़ दी है। यहां सामाजिक परंपराओं और पारिवारिक बंधनों को तोड़ते हुए दो युवतियों ने एक-दूसरे के साथ जीवन बिताने का फैसला किया और कानूनी...
महोबा (अमित श्रोतीय): उत्तर प्रदेश के महोबा जिले के चरखारी कस्बे से सामने आई एक अनोखी प्रेम कहानी ने पूरे बुंदेलखंड क्षेत्र में चर्चा छेड़ दी है। यहां सामाजिक परंपराओं और पारिवारिक बंधनों को तोड़ते हुए दो युवतियों ने एक-दूसरे के साथ जीवन बिताने का फैसला किया और कानूनी रूप से शादी कर ली। तीन साल तक चले इस रिश्ते ने आखिरकार कोर्ट मैरिज का रूप ले लिया, जिसके बाद अब दोनों खुले तौर पर साथ रह रही हैं।
रिश्ते में दोनो मौसेरी बहन
यह मामला चरखारी कस्बे के छोटा रमना मोहल्ले का है। साहब सिंह की 20 वर्षीय बेटी हेमा बचपन से ही लड़कों जैसे रहन-सहन और व्यवहार की अभ्यस्त रही है। वर्तमान में वह अपने परिवार के साथ दिल्ली में रहकर फल की दुकान चलाती है। इसी दौरान उसका संपर्क मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के चंदला क्षेत्र के लबरहा गांव की 18 वर्षीय पूजा से हुआ, जो रिश्ते में उसकी मौसेरी बहन बताई जा रही है।
दिल्ली में की कोर्ट मैरिज
पहले दोस्ती, फिर मोबाइल पर बातचीत और धीरे-धीरे यह रिश्ता प्रेम में बदल गया। करीब तीन वर्षों तक चले इस रिश्ते के बाद दोनों ने 6 अक्टूबर को दिल्ली में कोर्ट मैरिज कर ली। शुरुआत में इस फैसले को लेकर दोनों परिवारों में असहमति देखने को मिली। हेमा के माता-पिता ने हल्की आपत्ति जताई, जबकि पूजा के परिजनों ने कड़ा विरोध किया। हालांकि समय के साथ हालात बदले और अंततः दोनों परिवारों ने इस रिश्ते को स्वीकार कर लिया।
पारंपरिक रीति-रिवाजों से परिजनों ने कराई शादी
कोर्ट मैरिज के बाद हेमा अपनी पत्नी पूजा को लेकर चरखारी स्थित अपने घर पहुंची। इस दौरान उन्हें देखने के लिए आसपास के लोगों की भीड़ जमा हो गई। खास बात यह रही कि घर में बहू के आगमन पर पारंपरिक रीति-रिवाजों का पालन किया गया। मुंह दिखाई की रस्म, बधाई गीत और अन्य पारंपरिक कार्यक्रम पूरे उत्साह के साथ संपन्न कराए गए।
सामाजिक दबाव के बाद भी अपने फैसले पर रही कायम
पूजा का कहना है कि उसने पूरी तरह से हेमा को अपना जीवनसाथी स्वीकार किया है और सामाजिक दबावों के बावजूद वह अपने फैसले पर कायम रही। वहीं हेमा का कहना है कि वह भविष्य में जेंडर चेंज सर्जरी कराने की इच्छा रखती है, हालांकि सर्जरी न होने की स्थिति में भी दोनों साथ रहकर अपना जीवन आगे बढ़ाएंगी। वर्तमान में हेमा फल की दुकान चलाकर परिवार का खर्च उठाती है, जबकि पूजा घर की जिम्मेदारी संभालती है।
परिजन बोले- दोनों की खुशी में ही हमारी खुशी
हेमा की मां फूलबती ने स्पष्ट कहा कि उन्हें इस शादी से कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा, “इन दोनों की खुशी में ही हमारी खुशी है।” परिवार का कहना है कि वे पूरी तरह इस रिश्ते के साथ खड़े हैं। चार बहनों में तीसरे स्थान पर आने वाली हेमा की इस अनोखी शादी ने इलाके में नई चर्चा और सामाजिक बहस को जन्म दे दिया है।