मां-बहनों के बाल नोचकर खा रही थी लड़की, पेट बना 'ट्यूमर का घर'; अब पेट से निकला आधा किलो बालों का गुच्छा!

Edited By Anil Kapoor,Updated: 20 Jul, 2025 08:33 AM

the girl was eating hair of her mother and sisters it turned into a  tumor

Prayagraj News: प्रयागराज के डॉक्टरों ने एक बेहद दुर्लभ और जटिल सर्जरी कर एक युवती की जान बचा ली है, जिसे बाल खाने की आदत लग गई थी। यह मामला कौशांबी जिले की 21 वर्षीय मंजू का है, जो बचपन से मानसिक तनाव और व्यवहार संबंधी परेशानियों से जूझ रही थी। इसी...

Prayagraj News: प्रयागराज के डॉक्टरों ने एक बेहद दुर्लभ और जटिल सर्जरी कर एक युवती की जान बचा ली है, जिसे बाल खाने की आदत लग गई थी। यह मामला कौशांबी जिले की 21 वर्षीय मंजू का है, जो बचपन से मानसिक तनाव और व्यवहार संबंधी परेशानियों से जूझ रही थी। इसी वजह से उसमें बाल खाने (Trichophagia) की बुरी आदत लग गई थी। वह अपने ही नहीं, बल्कि मां और बहनों के बाल भी नोचकर खा जाती थी। धीरे-धीरे बालों का एक बड़ा गुच्छा उसके पेट में जमा हो गया, जिससे उसकी हालत गंभीर हो गई।

पेट में बन गया आधा किलो बालों का गुच्छा
मिली जानकारी के मुताबिक, कुछ समय बाद मंजू को लगातार पेट दर्द, उल्टी, भूख ना लगना और तेजी से वजन घटने जैसी दिक्कतें होने लगीं। परिजन उसे कई अस्पतालों में ले गए, कई जांचें भी कराईं गईं, लेकिन कोई डॉक्टर ना तो बीमारी की सही पहचान कर पाया और ना ही कोई ऑपरेशन के लिए तैयार हुआ। आखिरकार, मंजू को प्रयागराज के नारायण स्वरूप हॉस्पिटल (मुंडेरा) में लाया गया, जहां डॉक्टरों की टीम ने उसके केस को गंभीरता से लिया।

कितना मुश्किल था ऑपरेशन?
डॉ. राजीव सिंह के नेतृत्व में डॉ. विशाल केवलानी, डॉ. योगेंद्र और डॉ. राज मौर्य की टीम ने ऑपरेशन की रूपरेखा तैयार की। जांच में पता चला कि उसके पेट में बालों का करीब आधा किलो का गुच्छा बन चुका था, जिसे मेडिकल भाषा में Trichobezoar कहा जाता है। यह गुच्छा लगभग 1.5 फीट लंबा और 10 सेंटीमीटर मोटा था, जो पेट की थैली (Stomach) में चिपक चुका था। सर्जरी में डॉक्टरों ने पेट खोलकर बालों का यह पूरा गुच्छा सावधानी से निकाला, पेट की सफाई की और फिर उसे ठीक से सिल दिया। यह ऑपरेशन करीब 2 घंटे तक चला और पूरी तरह सफल रहा।

अब युवती पूरी तरह स्वस्थ, मानसिक स्थिति भी सुधरी
डॉ. राजीव सिंह के अनुसार, यह एक बहुत जटिल सर्जरी थी लेकिन अब मंजू पूरी तरह स्वस्थ है और सामान्य खाना खा रही है। सबसे अच्छी बात ये है कि अब उसकी मानसिक स्थिति भी सुधर रही है। डॉक्टरों ने यह भी कहा कि इस तरह के मामलों से यह सीख मिलती है कि अगर बच्चों या युवाओं के व्यवहार में असामान्यता दिखे, तो उसे नजरअंदाज ना करें। समय पर मानसिक इलाज बहुत जरूरी है।

क्या है Trichophagia और Trichobezoar?
- Trichophagia: बाल खाने की मानसिक बीमारी।
- Trichobezoar: जब पेट में बालों का गुच्छा जमा होकर ट्यूमर जैसा बन जाता है।

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