Edited By Anil Kapoor,Updated: 04 Dec, 2024 08:29 AM
Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के विकासनगर में 29 नवंबर को इंस्पेक्टर की बेटी से पर्स लूटने वाले दो बदमाशों को पुलिस ने मंगलवार रात मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार कर लिया। पुलिस दोनों आरोपितों को माल बरामद करने के लिए एक स्थान पर ले गई थी,...
Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के विकासनगर में 29 नवंबर को इंस्पेक्टर की बेटी से पर्स लूटने वाले दो बदमाशों को पुलिस ने मंगलवार रात मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार कर लिया। पुलिस दोनों आरोपितों को माल बरामद करने के लिए एक स्थान पर ले गई थी, जहां उन्होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी। जवाबी फायरिंग में दोनों बदमाशों ने आत्मसमर्पण कर दिया। एडीसीपी उत्तरी जितेंद्र दुबे ने बताया कि इस मुठभेड़ में किसी को गोली नहीं लगी, लेकिन दोनों आरोपितों को भागने के दौरान हल्की चोटें आई हैं।
गिरफ्तार बदमाशों की पहचान
पुलिस ने गिरफ्तार किए गए आरोपितों की पहचान तालकटोरा निवासी स्नेहिल श्रीवास्त और अतुल श्रीवास्तव उर्फ अपूर्व के रूप में की है। एडीसीपी ने बताया कि 29 नवंबर को विकासनगर इलाके में बाइक सवार 2 लुटेरों ने महिला का पर्स लूट लिया था। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की मदद से इन बदमाशों का पीछा करते हुए दोनों सगे भाइयों को मंगलवार रात हिरासत में लिया।
माल बरामद करने के लिए ले जाया गया था मिनी स्टेडियम
मंगलवार रात करीब साढ़े 11 बजे पुलिस इन दोनों बदमाशों को मिनी स्टेडियम के पास ले गई थी, जहां उनसे माल बरामद करने की प्रक्रिया चल रही थी। इस दौरान आरोपितों ने पहले से रखे हुए तमंचे से पुलिस पर फायरिंग कर दी। पुलिस ने तुरंत जवाबी कार्रवाई करते हुए फायरिंग की, जिसके बाद दोनों बदमाशों ने सरेंडर कर दिया। हालांकि, भागने की कोशिश करते समय उन्हें हल्की चोटें आईं।
इंस्पेक्टर और चौकी इंचार्ज को किया गया था निलंबित
इस मामले में लापरवाही बरतने के कारण विकासनगर के इंस्पेक्टर विपिन सिंह और सब्जी मंडी चौकी इंचार्ज अक्षय कुमार को बीते सोमवार देर रात निलंबित कर दिया गया था।
जानिए, क्या है पूरा मामला?
29 नवंबर को बलरामपुर में तैनात इंस्पेक्टर ओम प्रकाश चौहान की बेटी रीना से बाइक सवार बदमाशों ने विकासनगर के जानकीपुरम गार्डेन इलाके में महज 20 सेकेंड में पर्स लूट लिया था और फरार हो गए थे। इस लूट की घटना ने पुलिस विभाग को सचेत किया और सीसीटीवी कैमरों की मदद से आरोपितों की पहचान की गई, जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी संभव हो पाई।