चिन्मयानंद मामले में किसने किसका शोषण किया, कहना बहुत मुश्किल है: कोर्ट

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 04 Feb, 2020 03:31 PM

who is exploited in chinmayananda case it is very difficult to say court

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने स्वामी चिन्मयानंद मामले में मंगलवार को कहा कि दोनों ही पक्षों (चिन्मयानंद और पीड़िता छात्रा) ने अपनी मर्यादा लांघी है, ऐसे में यह निर्णय करना बहुत मुश्किल है कि किसने किसका शोषण किया, वास्तव में दोनों ने एक-दूसरे का...

प्रयागराजः इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने स्वामी चिन्मयानंद मामले में मंगलवार को कहा कि दोनों ही पक्षों (चिन्मयानंद और पीड़िता छात्रा) ने अपनी मर्यादा लांघी है, ऐसे में यह निर्णय करना बहुत मुश्किल है कि किसने किसका शोषण किया, वास्तव में दोनों ने एक-दूसरे का इस्तेमाल किया है। न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने छात्रा के यौन शोषण के मामले में सोमवार को चिन्मयानंद को सशर्त जमानत दे दी थी।

इससे पूर्व शिकायतकर्ता के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद न्यायमूर्ति चतुर्वेदी ने 16 नवंबर, 2019 को चिन्मयानंद की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। अदालत ने अपने आदेश में कहा, ‘‘फिरौती के मामले में छात्रा को इस अदालत की एक समन्वय पीठ द्वारा पहले ही जमानत दी जा चुकी है और याची चिन्मयानंद की जमानत मंजूर करने से मना करने का कोई न्यायसंगत कारण नहीं बनता।''

अपने फैसले में अदालत ने कहा, ‘‘यह दिख रहा है कि पीड़ित छात्रा के परिजन आरोपी व्यक्ति के उदार व्यवहार से लाभान्वित हुए। वहीं, यहां कोई भी ऐसी चीज़ रिकॉर्ड में नहीं है जिससे यह साबित हो कि छात्रा पर कथित उत्पीड़न की अवधि के दौरान, उसने अपने परिजनों से इसका जिक्र भी किया हो। इसलिए अदालत इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि यह पूरी तरह से “किसी के बदले कुछ काम करने” का मामला है।'' हालांकि, एक समय के बाद अधिक हासिल करने के लालच में लगता है कि छात्रा ने अपने साथियों के साथ आरोपी के खिलाफ षड़यंत्र रचा और अश्लील वीडियो के जरिए उसे ब्लैकमेल करने का प्रयास किया। 


 

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