Edited By Umakant yadav,Updated: 22 Oct, 2021 05:19 PM

बशीर बद्र की ये लाइने "जिस दिन से चली हु मंज़िल पर नजर हैं, आँखों ने कभी मिल के पत्थर नही देखे" कुशीनगर की दो बेटियां शिल्पा और अपराजिता की जिंदगी पर सटीक बैठती है। जिन्होंने पिछड़े इलाके में रहकर बॉक्सिंग को अपना कैरियर माना उनके कैरियर के लिए...