वह दिन दूर नहीं जब दुनिया ‘नासा' की बजाय ‘इसरो' की बात करेगी: शुभांशु शुक्ला

Edited By Ramkesh,Updated: 25 Aug, 2025 08:00 PM

the day is not far when the world will talk about  isro  instead of  nasa  shub

अंतरिक्ष यात्री और भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने सोमवार को कहा कि भारत अंतरिक्ष अन्वेषण में तेजी से आगे बढ़ रहा है और वह दिन दूर नहीं है जब दुनिया ‘नासा' की बजाय ‘इसरो' की बात करेगी, यह बस कुछ ही समय की बात है। भारतीय अंतरिक्ष...

लखनऊ: अंतरिक्ष यात्री और भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने सोमवार को कहा कि भारत अंतरिक्ष अन्वेषण में तेजी से आगे बढ़ रहा है और वह दिन दूर नहीं है जब दुनिया ‘नासा' की बजाय ‘इसरो' की बात करेगी, यह बस कुछ ही समय की बात है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और अमेरिका का ‘नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन' (नासा), दोनों ही अंतरिक्ष क्षेत्र में काम करने वाली एजेंसी हैं। ‘एक्सिओम-4' मिशन की सफलता और अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) से अपनी सुरक्षित वापसी के बाद लखनऊ में उनके सम्मान में आयोजित एक नागरिक अभिनंदन समारोह में शुक्ला ने कहा,‘‘भारत लौटने के बाद से, मैंने लोगों में हमारी अंतरिक्ष उपलब्धियों को लेकर अविश्वसनीय उत्साह महसूस किया है।

राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस को मनाए हुए अभी दो साल ही हुए हैं, फिर भी इसे लेकर ज़बरदस्त उत्साह है। जैसा कि उपमुख्यमंत्री (केशव प्रसाद मौर्य) ने कहा था, वह दिन दूर नहीं जब लोग नासा की बजाय इसरो की बात करेंगे। मेरा मानना है कि यह कोई सपना नहीं, बल्कि एक हकीकत है जो साकार होने का इंतजार कर रही है।'' शुक्ला, जो इस गर्मजोशी भरे स्वागत से बेहद प्रभावित थे, ने मुस्कुराते हुए कहा, ‘‘आज सुबह लगभग साढ़े सात बजे लखनऊ पहुंचने के बाद से मैंने लगभग 2,000 सेल्फी ली होंगी। ‘मुस्कुराइए कि आप लखनऊ में हैं' वाली मशहूर कहावत आज मेरे लिए सचमुच जीवंत हो उठी।

सम्मान समारोह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सरकारी आवास पर हुआ और इसमें उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और शुक्ला के परिवार के सदस्य, जिनमें उनकी पत्नी कामना, मां आशा और पिता शंभू शुक्ला शामिल थे, शामिल हुए। अपनी यात्रा के बारे में बताते हुए शुक्ला ने कहा कि भारत आने पर दिल्ली में उन्होंने जो उत्साह देखा था, वह अपने गृहनगर लखनऊ पहुंचकर ‘दोगुना' हो गया। उन्होंने कहा, ‘‘इतने गर्मजोशी से भरे स्वागत के साथ घर आना मेरे लिए बेहद रोमांचक रहा। मैं लोगों द्वारा दिखाए गए प्यार और गर्व के लिए तहे दिल से आभारी हूं।

शुक्ला के 18 दिनों के मिशन में सैन डिएगो के पास प्रशांत महासागर में उतरने से पहले आईएसएस पर रुकना शामिल था। उन्होंने बताया कि उनकी टीम ने अंतरिक्ष में 60 वैज्ञानिक प्रयोग किए जिनमें से सात भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा डिजाइन किए गए थे। उन्होंने कहा कि सबसे गौरवपूर्ण क्षण हमारे वैज्ञानिकों द्वारा तय किए गए प्रयोगों को करना था। शुक्ला ने कहा कि उन्हें पहली बार सूक्ष्म-गुरुत्व से जुड़ा अनुसंधान करने का अवसर मिला।

उन्होंने कहा, ‘‘असली उपलब्धि केवल आंकड़े नहीं हैं, बल्कि इस मिशन ने अंतरिक्ष में भविष्य के भारतीय अनुसंधान के लिए जो द्वार खोले हैं, वे हैं।'' शुक्ला ने बताया कि उन्होंने मिशन के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बातचीत की और तीन मौकों पर बच्चों से बात की। उन्होंने कहा, ‘‘हर बार, बच्चों ने पूछा कि वे अंतरिक्ष यात्री कैसे बन सकते हैं। इस मिशन की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक यह है कि अब युवा पीढ़ी अंतरिक्ष में जाने की इच्छा रखती है और उन्हें विश्वास है कि वे इसे हासिल कर सकते हैं।" सम्मान समारोह में इसरो के अध्यक्ष वी. नारायणन भी मौजूद थे।

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!