Edited By Mamta Yadav,Updated: 13 Oct, 2022 10:38 PM

उत्तर प्रदेश में सोनभद्र के अपर सत्र न्यायाधीश (प्रथम) खलीकुज्जमा की अदालत ने नैनी केन्द्रीय कारागार से एक कैदी को पेशी पर नहीं लाने पर गुरुवार को जेल के वरिष्ठ अधीक्षक को तलब करने का नोटिस भेजा है। अदालत ने गुरुवार को एक मामले की सुनवाई करते हुए...
सोनभद्र: उत्तर प्रदेश में सोनभद्र के अपर सत्र न्यायाधीश (प्रथम) खलीकुज्जमा की अदालत ने नैनी केन्द्रीय कारागार से एक कैदी को पेशी पर नहीं लाने पर गुरुवार को जेल के वरिष्ठ अधीक्षक को तलब करने का नोटिस भेजा है। अदालत ने गुरुवार को एक मामले की सुनवाई करते हुए अभियुक्त रामसजीवन को 3 माह बाद भी जेल से अदालत में पेश नहीं करने पर वरिष्ठ जेल अधीक्षक की लापरवाही का द्योतक माना। अदालत ने अधीक्षक के विरुद्ध दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 349 के तहत कार्रवाई करते हुए नोटिस जारी किया है।
18 अक्टूबर को न्यायालय के समक्ष उपस्थित होने का आदेश
अदालत ने नोटिस में अधीक्षक को आगामी 18 अक्टूबर को न्यायालय के समक्ष उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने और अभियुक्त रामसजीवन को पेश करने का आदेश दिया है। गौरतलब है कि प्रयागराज स्थित केंद्रीय कारागार नैनी के वरिष्ठ अधीक्षक ने गत 21 जुलाई 2022 और इसके बाद अब तक चार बार अदालत को भेजे रेडियोग्राम संदेश में यह अवगत कराया है कि पर्याप्त पुलिस बल उपलब्ध नहीं होने के कारण ही अभियुक्त रामसजीवन को कोर्ट के समक्ष पेश नहीं किया जा सका है।
3 माह से अभियुक्त रामसजीवन को नैनी जेल से तलब
अदालत ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि 03 माह से अभियुक्त रामसजीवन को नैनी जेल से तलब किया जा रहा है, लेकिन वरिष्ठ अधीक्षक ने अभियुक्त रामसजीवन को पेश नहीं किया। अदालत ने इसे लापरवाही मानते हुए यह कार्रवाई की है।