Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 24 Jun, 2020 04:59 PM
69000 शिक्षक भर्ती मामले में आए दिन कोई ना कोई पेच फंस रहा है। जिसके चलते भर्ती प्रक्रिया संपन्न होने का नाम ही नहीं ले रही है। करीब डेढ़ साल से कानून के फेर में फंसी यह भर्ती परीक्षा अब सरकार के गले की फांस बन गई है। ऐसे में नौकरी के सपने देख रहे...
लखनऊः 69000 शिक्षक भर्ती मामले में आए दिन कोई ना कोई पेच फंस रहा है। जिसके चलते भर्ती प्रक्रिया संपन्न होने का नाम ही नहीं ले रही है। करीब डेढ़ साल से कानून के फेर में फंसी यह भर्ती परीक्षा अब सरकार के गले की फांस बन गई है। ऐसे में नौकरी के सपने देख रहे अभ्यर्थियों की दशा पर आसमान से गिरा खजूर पर अटका मुहावरा बिलकुल सटीक बैठता है।
अब 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा को रद्द करने और मामले की जांच सीबीआई से करवाने के लिए एक याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में दाखिल की गई है। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सुनवाई के लिए 7 जुलाई की तारीख तय की है। यूपी सरकार की तरफ से महाधिवक्ता बहस करेंगे।
दायर याचिका में कहा गया है कि 6 जनवरी 2019 को इस परीक्षा के बाद पेपर लीक के संबंध में एसटीएफ तथा केंद्र अधीक्षकों द्वारा प्रदेश के कई स्थानों पर मुकदमे दर्ज हुए हैं, जिससे व्यापक स्तर पर पर्चा लीक होने की बात साबित होती है। आज भी एसटीएफ इस केस में विवेचना कर रहा है। लिहाजा याचिका में परीक्षा को निरस्त करने तथा एसटीएफ पर सरकार के दवाब में काम करने के आधार पर सीबीआई जांच कराये जाने की मांग की गयी है।
बता दें कि अजय कुमार ओझा तथा उदयभान चौधरी की ओर से इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में यह याचिका दाखिल की गई है। सरकारी अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में प्रदेश सरकार तथा परीक्षा नियामक प्राधिकरण की ओर से प्रदेश के महाधिवक्ता स्वयं बहस करेंगे जो आज (24 जून) उपलब्ध नहीं थे। इसलिए अब इस मामले की सुनवाई 7 जुलाई को होगी।