Edited By Ramkesh,Updated: 30 Dec, 2025 02:09 PM

उत्तर प्रदेश में होने वाले स्नातक और शिक्षक विधान परिषद (एमएलसी) चुनावों को लेकर कांग्रेस ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। पार्टी इन चुनावों को संगठन को मजबूत करने और जमीनी स्तर पर सक्रियता बढ़ाने के अवसर के रूप में देख रही है। इसी क्रम में कांग्रेस...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में होने वाले स्नातक और शिक्षक विधान परिषद (एमएलसी) चुनावों को लेकर कांग्रेस ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। पार्टी इन चुनावों को संगठन को मजबूत करने और जमीनी स्तर पर सक्रियता बढ़ाने के अवसर के रूप में देख रही है। इसी क्रम में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने राज्य की 11 विधान परिषद सीटों के लिए पर्यवेक्षकों की घोषणा की।
सांसदों और पूर्व सांसदों को सौंपी जिम्मेदारी
कांग्रेस नेतृत्व ने स्नातक और शिक्षक वर्ग को पार्टी से जोड़ने के उद्देश्य से वरिष्ठ नेताओं, सांसदों और पूर्व सांसदों को जिम्मेदारी सौंपी है। लखनऊ स्नातक और शिक्षक क्षेत्र के लिए किशोरी लाल शर्मा सांसद और पीएल पुनिया पूर्व सांसद को पर्यवेक्षक बनाया गया है। वहीं वाराणसी क्षेत्र की जिम्मेदारी भगवती प्रसाद चौधरी और पशुपति नाथ राय को दी गई है।
मेरठ क्षेत्र के लिए इमरान मसूद, हरेन्द्र अग्रवाल को दी जिम्मेदारी
आगरा क्षेत्र में कांग्रेस सांसद राकेश राठौर के साथ विवेक बंसल को पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। मेरठ स्नातक और शिक्षक क्षेत्र के लिए इमरान मसूद सांसद और हरेन्द्र अग्रवाल को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इलाहाबाद स्नातक क्षेत्र में उज्जवल रमण सिंह सांसद और नसीमुद्दीन सिद्दीकी को पर्यवेक्षक बनाया गया है।
गोरखपुर-फैजाबाद क्षेत्र में तनुज पुनिया
इसके अलावा बरेली-मुरादाबाद क्षेत्र के लिए कुंवर दानिश अली और फूल कुंवर को पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। गोरखपुर-फैजाबाद क्षेत्र में तनुज पुनिया सांसद और अखिलेश प्रताप सिंह को जिम्मेदारी दी गई है, जबकि मेरठ-सहारनपुर शिक्षक क्षेत्र के लिए बाकिर हुसैन उर्फ बाकर हुसैन को पर्यवेक्षक बनाया गया है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि स्नातक और शिक्षक विधान परिषद चुनाव लोकतंत्र का अहम हिस्सा हैं और पार्टी इन वर्गों की समस्याओं को प्रमुखता से उठाएगी। उन्होंने सभी पर्यवेक्षकों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में संगठन को सक्रिय करें, कार्यकर्ताओं से संवाद स्थापित करें और शिक्षकों व स्नातकों के मुद्दों को जन-जन तक पहुंचाएं। कांग्रेस का मानना है कि इन चुनावों के जरिए पार्टी प्रदेश में अपनी राजनीतिक मौजूदगी को मजबूत करेगी और आगामी चुनावों के लिए आधार तैयार करेगी।