Edited By Deepika Rajput,Updated: 03 Jul, 2018 09:57 AM
केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने बसपा सुप्रीमो मायावती के स्विस बैंक वाले बयान पर जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि दलित और गरीब की रहनुमा होने का नाटक करने वाली मायावती ने नोटबंदी के समय 104 करोड़ बैंक में जमा करवाए और अब वह स्विस बैंक में जमा पैसा...
लखनऊः केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने बसपा सुप्रीमो मायावती के स्विस बैंक वाले बयान पर जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि दलित और गरीब की रहनुमा होने का नाटक करने वाली मायावती ने नोटबंदी के समय 104 करोड़ बैंक में जमा करवाए और अब वह स्विस बैंक में जमा पैसों का हिसाब मांग रही हैं।
अपना दल के संस्थापक डॉ. सोनेलाल पटेल की 69वीं जयंती के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में पासवान ने कहा कि जाति व्यवस्था देश के लिए कलंक है। हमारी लड़ाई हिंदू-मुसलमान की नहीं है बल्कि देशभक्त ओर देशद्रोही के बीच है। जब तक जाति व्यवस्था इस देश से खत्म नहीं होती, तब तक बराबरी के अधिकार की बात बेमानी है।
उन्होंने कहा कि देश में ऐसी विभूतियों की कमी नहीं रही जिन्होेंने अगड़ी जाति का होने के बावजूद पिछ़ड़ों और दलितों के उत्थान के लिए काम किया। पूर्व प्रधानमंत्री वी पी सिंह क्षत्रिय थे मगर आरक्षण के लिए मंडल कमीशन उन्हीं के महज 9 महीने के कार्यकाल में अस्तित्व में आया। दयानंद सरस्वती, गौतम बुद्ध समेत कई ऐसे नाम हैं जिन्होंने समाज में बराबरी की वकालत की।
गौरतलब है कि मायावती ने कहा था कि स्विस बैंक ने भारतीयों के जमा धन में 50 फीसदी के इजाफे का श्रेय क्या भाजपा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार लेना पसंद नहीं करेगी। भारत में कमाया गया धन विदेशी बैंकों में क्यों है इसकी जानकारी देने के लिए मोदी को आगे आना चाहिए।
उन्होंने कहा था कि मोदी सरकार पूंजीपतियों और धन्नासेठों के हित व कल्याण के लिए काम करने वाली है। यह सरकार पूरी तरह से गरीब, मजदूर, किसान-विरोधी है। भाजपा सरकार जवाब दे कि उसके शासन में अमीर और ज्यादा धनवान व गरीब और ज्यादा बदहाल क्यों होते चले जा रहे हैं।