Edited By Pooja Gill,Updated: 28 Oct, 2024 11:01 AM
Prayagraj News: महाकुंभ 2025 को लेकर प्रयागराज में युद्ध स्तर पर तैयारियों के बीच रेलवे ने भी यात्री सुविधाओं को बेहतर करने के लिए कमर कस ली है। इसके तहत प्रयागराज के सभी रेलवे स्टेशनों पर लगभग 25 हजार यात्रियों के ठहरने...
Prayagraj News: महाकुंभ 2025 को लेकर प्रयागराज में युद्ध स्तर पर तैयारियों के बीच रेलवे ने भी यात्री सुविधाओं को बेहतर करने के लिए कमर कस ली है। इसके तहत प्रयागराज के सभी रेलवे स्टेशनों पर लगभग 25 हजार यात्रियों के ठहरने के लिए आश्रय स्थलों का निर्माण किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, मेला प्राधिकरण के अनुमान के मुताबिक इस बार महाकुंभ में 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। वहीं, लगभग 10 करोड़ लोगों के ट्रेन के जरिए प्रयागराज पहुंचने की संभावना है। प्रयागराज के स्टेशनों पर भीड़ के प्रबंधन को लेकर कार्ययोजना तैयार कर ली गई है।
अंतिम दौर में है 10 आश्रय स्थलों का निर्माण
मेला प्राधिकरण के अनुमान, प्रयागराज के सभी रेलवे स्टेशनों पर लगभग 25 हजार यात्रियों के ठहरने के लिए 10 आश्रय स्थलों का निर्माण अंतिम दौर में है। इनमें से आश्रय स्थल प्रयागराज जंक्शन पर, तीन नैनी जंक्शन, दो छिवकी स्टेशन और एक सूबेदारगंज स्टेशन पर बनाए जा रहे हैं। ये आश्रय स्थल 2019 के कुंभ में अस्थाई टिकट घर व शौचालय की सुविधाओं के साथ बनाये गये थे। महाकुंभ 2025 में इनका पुनर्निर्माण कर संचालित करने का कार्य चल रहा है। छिवकी स्टेशन पर एक नया आश्रय स्थल भी बनाया जा रहा है। सिंह ने बताया कि भीड़ प्रबंधन के लिए अलग-अलग गंतव्य स्टेशनों के मुताबिक यात्रियों को अलग-अलग रंग के आश्रय स्थलों में ठहराया जाएगा।
अलग-अलग रंगों में बनाए गए आश्रय स्थल
इन आश्रय स्थलों में उनके स्टेशनों की ओर जाने वाली गाड़ियों की घोषणा के साथ रेलवे प्रशासन उन्हें सही ट्रेन तक पहुंचाने का भी प्रयास करेगा। इसके लिए आश्रय स्थलों की कलर कोडिंग, ट्रेनों की दिशा के मुताबिक की गई है। लखनऊ और वाराणसी जाने वाले यात्रियों को लाल रंग के आश्रय स्थल, कानपुर के लिए हरे रंग जबकि सतना, मानिकपुर, झांसी की ओर जाने वालों को पीले रंग के आश्रय स्थलों में ठहराया जाएगा। अलग-अलग स्टेशनों पर आश्रय स्थलों की कलर कोडिंग थोड़ी अलग-अलग भी है जिसकी जानकारी स्टेशनों पर लगी रहेगी। इसके साथ ही आरक्षित श्रेणी के यात्रियों के लिए अलग से भी अस्थाई आश्रय स्थल बनाए जा रहे हैं।