Edited By Harman Kaur,Updated: 07 Jun, 2023 06:22 PM
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Prayagraj News: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में रहने वाली 7 साल अनुप्रिया यादव शतरंज में दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी बन गई है। अनुप्रिया ने 1307 अंको के साथ विश्व में नंबर 1 पॉजिशन हासिल कर देश का मान बढ़ाया है....
Prayagraj News (सैयद रजा): उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में रहने वाली 7 साल अनुप्रिया यादव शतरंज में दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी बन गई है। अनुप्रिया ने 1307 अंको के साथ विश्व में नंबर 1 पॉजिशन हासिल कर देश का मान बढ़ाया है। अनुप्रिया नैनी इस्थित बेथनी कॉन्वेंट स्कूल में क्लास 2 की छात्रा हैं।
दरअसल अंतरराष्ट्रीय शतरंज महासंघ की तरफ से जून महीने की रैंकिंग लिस्ट जारी की गई है। जिसमें उत्तर प्रदेश की बेटी अनुप्रिया ने 1307 अंक हासिल कर देश का नाम रौशन किया है। उन्होंने विश्व में नंबर 1 पॉजिशन हासिल की है। वहीं, फ्रांस की बूनी नंबर 2 पर है। तीसरे नंबर पर बांग्लादेश की वारिसा हैदर और चौथे नंबर पर इंग्लैंड की नवी कोनारा को जगह मिली है। वहीं, पांचवा स्थान भारत की रहने वाली संस्कृति यादव ने हासिल किया है। उन्हें 1223 अंक मिले हैं।
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बता दें कि अनुप्रिया यादव के पिता शिव शंकर यादव एक कोचिंग सेंटर चलाते हैं और अनुप्रिया की मां प्राइमरी स्कूल में शिक्षिका है। अनुप्रिया की बड़ी बहन प्रिया यादव भी शतरंज की राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी है। दरअसल उनका पूरा परिवार शतरंज के खेल में रमा हुआ है। अनुप्रिया ने हाल ही में नेपाल में आयोजित हुई पांचवी दोलखा ओपन चेस प्रतियोगिता में खिताब हासिल किया था। अनुप्रिया हर रोज पढ़ाई के साथ-साथ शतरंज को भी पूरा वक्त देती है। वह हर दिन नियमित रूप से 7 घंटे ऑनलाइन शतरंज खेलती है।
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अनुप्रिया के पिता ने बताया कि बेटी को इस मुकाम तक पहुंचाने में कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था। अनुप्रिया को लेकर अलग-अलग राज्यों में जाना रुकना और रास्ते का किराया भी खुद ही उठाना पड़ता था। लेकिन बेटी के हौसले को कभी भी उन्होंने टूटने नहीं दिया।और उसकी कामयाबी के बाद सिर्फ उनकी आंखों में खुशी के आंसू हैं। उन्हें इस बात का यकीन नहीं हो रहा की की उनकी बेटी ने इतिहास के पन्नों में अपना नाम अमर कर लिया है।
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अनुप्रिया यादव के माता-पिता अनुप्रिया की इस उपलब्धि से बेहद खुश हैं। अनुप्रिया की मां का कहना है कि अनुप्रिया बचपन से ही शतरंज खेलने में दिलचस्पी दिखाती थी। अपनी बड़ी बेटी को देखते हुए छोटी बेटी में भी जिज्ञासा हुई और आज उसने परिवार का नाम भी रोशन कर दिया है। अनुप्रिया की मां सरस्वती देवी का कहना है कि अपनी बेटियों के भविष्य के लिए उनके पति ने नौकरी छोड़ दी क्योंकि जगह-जगह कंपटीशन के लिए बच्चों को लेकर के जाना पड़ता है। इसलिए घर और बच्चों की बेहतर परवरिश के चलते उन्होंने मां और पत्नी के फर्ज को निभाते हुए नौकरी करनी शुरू कर दी।
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अनुप्रिया की इस उपलब्धि को लेकर बेथनी कॉन्वेंट स्कूल ने अनुप्रिया और उसकी बहन को सम्मानित किया। बेथनी कान्वेंट स्कूल की प्रिंसिपल सिस्टर शमिता ने घोषणा की है कि अनुप्रिया को स्कूल की तरफ से स्कॉलरशिप दी जाएगी। साथ ही साथ उसके बेहतर भविष्य के लिए हर सार्थक प्रयास स्कूल प्रशासन करेगा । अनुप्रिया ने खास बातचीत करते हुए बताया कि वह पिछले 3 सालों से शतरंज की बारीकियों को सीख रही हैं। सबसे पहले अपनी मां के साथ सीखा, उसके बाद अब उसकी बड़ी बहन प्रिया यादव अनुप्रिया को सिखाती है।