कोविड-19 से अनाथ हुए बच्चों की मदद को लेकर हरदीप पुरी की प्रशंसा कर रहे लोग

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 18 Jul, 2021 05:57 PM

people praising hardeep puri for helping children orphaned

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में 2020 और 2021 में कोविड-19 की पहली और दूसरी लहर में जिन बच्चों ने अपने माता-पिता और अभिभावकों को खो दिया और अनाथ हो गए, उन बच्चों की मदद को लेकर लोग केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी की प्रशंसा कर रहे हैं। शनिवार को...

सोनभद्र: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में 2020 और 2021 में कोविड-19 की पहली और दूसरी लहर में जिन बच्चों ने अपने माता-पिता और अभिभावकों को खो दिया और अनाथ हो गए, उन बच्चों की मदद को लेकर लोग केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी की प्रशंसा कर रहे हैं। शनिवार को सोनभद्र जिले के दौरे पर पहुंचे पुरी ने अनाथ बच्‍चों के बीच राशन किट और सहायता राशि का वितरण तो किया ही, उनके भविष्य के लिए एक भरोसा भी दिया। उन्होंने बच्चों को सहायता धनराशि वितरित करने के बाद कहा, ''2017 में जब वह केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल हुए तो उन्होंने सोनभद्र को गोद लिया था और यहां अकसर आना-जाना लगा रहता था, लेकिन इस बार यहां आने का जो मकसद है, वह महामारी के दौरान अनाथ हुए बच्चों से मिलने का था।'' 

पुरी ने कहा, ''इन बच्चों के लिए यह फर्ज बनता है कि जिस किस्म की सहायता हो, उनकी मदद की जाए, इसलिए उन्हें सहायता राशि दी गई है और आने वाले समय में बच्चों की पढ़ाई-लिखाई और जो समस्याएं उनके समक्ष आती हैं उनको हर स्तर से मदद की जाएगी।'' आधिकारिक जानकारी के अनुसार जिन बच्चों के माता-पिता दोनों की मृत्यु हो गयी है, उन्हें मंत्री द्वारा 10,000 रुपए एवं जिनके माता अथवा पिता में से किसी एक की मृत्यु हो गयी है उन्हें 5,000 रुपये की सहायता प्रदान किए जाने के साथ ही प्रत्येक लाभार्थी को 15 किलोग्राम राशन की किट भी दी गयी। इस संबंध में एक कार्यकर्ता ने बताया कि सहायता राशि से लेकर राशन किट एवं कार्यक्रम के सम्पूर्ण व्यय का वहन पुरी ने व्यक्तिगत स्तर पर किया और इसलिए यह कार्यक्रम भाजपा कार्यालय में आयोजित किया गया। 

गौरतलब है कि जिले के शांति नगर थाना क्षेत्र के घरसड़ी निवासी सात वर्षीय सोनी और उसके चार वर्षीय छोटे भाई कार्तिक के माता-पिता की मौत पहले ही हो चुकी थी लेकिन दोनों बच्चे अपनी नानी पार्वती के पास गुजर बसर कर रहे थे। कोरोना महामारी ने दोनों बच्चों का सहारा बनी उनकी बूढ़ी नानी को भी अपनी चपेट में लिया और गत आठ मई को उनकी मौत हो गई। दोनों बच्चे एक स्थानीय समाजसेवी संस्था के संरक्षण में पलने लगे। इन बच्चों की सहायता के लिए भी पुरी आगे आए और उन्होंने उनका भविष्य सुधारने का संकल्प लिया। शक्तिनगर निवासी एवं 12वीं पास पंकज (16) के पिता की मौत के बाद उसके सामने भी भविष्य की चुनौती आ गई लेकिन इस सहायता से राहत मिली। पंकज ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा, ''मंत्री जी के इस कदम से हम जैसे लोगों को उम्मीद बंधी है और यह भरोसा मिला है कि भविष्य में शासन-प्रशासन के साथ जनप्रतिनिधियों द्वारा भी हमारा ध्यान रखा जाएगा।'' जिले के अनपरा निवासी अनुराग यादव (16) के पिता राम दयाल यादव अर्द्धसैनिक बल में तैनात थे और उनकी मृत्यु 24 अगस्त 2020 को हो गयी।

भविष्‍य के निर्णायक मोड़ पर खड़े इस किशोर को भी हरदीप पुरी की मदद और भरोसा मिला तो उसकी आंखों की चमक बढ़ गई। अनुराग समेत अनाथ हुए 62 बच्चों की जिंदगी संवारने के लिए शनिवार को भाजपा कार्यालय के सभागार में सहायता राशि एवं राशन किट का वितरण केंद्रीय मंत्री ने किया। पुरी के प्रयासों की सराहना करते हुए इंटर कॉलेज के सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य कांता प्रसाद द्विवेदी ने कहा, ''अनाथ बच्चों की सहायता करना संवेदनशीलता को दर्शाता है और इससे जहां बच्चों के भविष्य का मार्ग प्रशस्त होगा, वहीं लोगों में भी भरोसा उत्पन्न होगा साथ ही जनप्रतिनिधियों एवं समाजसेवियों को आगे आने की प्रेरणा मिलेगी।'' 

सोनभद्र के सदर से विधायक भूपेश चौबे ने कहा, ‘‘कोविड काल में अनाथ हुए बच्चों की सहायता के लिए पुरी जी ने हमारे जिले को गोद लिया है, इसके लिए उनको सादर नमन है।'' मंत्री जी ने अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए बच्चों के भविष्य को संवारने का कार्य किया है, साथ ही इससे हम जैसे लोगों को सेवा करने की प्रेरणा मिली है।'' चौबे ने बताया कि 62 बच्चों को सहायता दी गयी है। ये वे अनाथ बच्चे हैं जिनके माता-पिता की मृत्यु कोविड काल में हुई। मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत चयनित इन अनाथ बच्चों की शिक्षा दीक्षा, भरण पोषण एवं चिकित्सा आदि के लिए यह सहायता राशि वितरित की गई ताकि इन अनाथ बच्चों का भविष्य सुधर सके। 

जिला प्रोबेशन अधिकारी डॉ. अमरेंद्र प्रोत्सायन ने बताया कि केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी द्वारा बच्चों को प्रोत्साहन राशि एवं राशन किट अपने स्तर से वितरित की गई। अनाथ हुए बच्चों के लिए जिले में मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना लागू की गई है। इस योजना में उन बच्चों को शामिल किया जाना है जिनके माता-पिता की मृत्यु कोरोना संक्रमण से हुई है। इस योजना के तहत अनाथ हुए बच्चों के वैध संरक्षक को चार हजार रुपये प्रतिमाह उनके बैंक खाते में दिया जाना है जिनकी वार्षिक आय तीन लाख रुपये तक है। हरदीप पुरी के प्रयासों की हर जगह सराहना हो रही है। उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के जिला अध्यक्ष रतन लाल गर्ग ने कहा, ''जनप्रतिनिधियों द्वारा इस प्रकार के कार्य करने से आम जनता में उनके प्रति भरोसा पैदा होता है। उम्मीद है कि ऐसी ही संवेदनशीलता अन्य जनप्रतिनिधि भी दिखाएंगे।'' 

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