Edited By Ramkesh,Updated: 04 Mar, 2022 06:14 PM
लोकसभा सदस्य असदुद्दीन ओवैसी की अगुवाई वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भले ही कुछ न सीटें जीते या भाजपा विरोधी दलों का खेल बिगाड़ने की भूमिका निभाए, लेकिन इसने सपा एवं बसपा का गढ़ माने जाने...
आजमगढ़: लोकसभा सदस्य असदुद्दीन ओवैसी की अगुवाई वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भले ही कुछ न सीटें जीते या भाजपा विरोधी दलों का खेल बिगाड़ने की भूमिका निभाए, लेकिन इसने सपा एवं बसपा का गढ़ माने जाने वाले पूर्वांचल के कई इलाकों में अपनी पैठ बनानी शुरू कर दी है। एआईएमआईएम की मौजूदगी का आलम यह है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में मुस्लिम समुदाय के बहुत सारे लोग इसे भविष्य का विकल्प मानने लगे हैं, हालांकि उनका यह भी कहना है कि समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी की सीधी लड़ाई में इस बार शायद ओवैसी की पार्टी कोई खास कामयाबी हासिल नहीं कर सके।
पूर्वी उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ दशकों से मुस्लिम समुदाय के लोग सपा या बसपा का समर्थन करते आ रहे हैं और इस बार भी यही परिपाटी कायम रह सकती है क्योंकि लोग वोट बंटने की आशंका को लेकर चिंतित नजर आते हैं। आजमगढ़ जिले में मुबारकपुर विधानसभा सीट को छोड़कर अन्य किसी स्थान पर एमआईएमआई मुकाबले में नहीं दिखती। बहरहाल, मुबारकपुर में मुख्य रूप से अपने उम्मीदवार शाम आलम ऊर्फ गुड्डू जमाली के चलते एआईएमआईएम मुकाबले में नजर आ रही है। हालांकि, आजमगढ़ में कुछ मुसलमान ऐसे हैं जो यह दलील देते हैं कि एआईएमआईएम उनकी ‘अपनी पार्टी' है और अगर वह हारती है तो भी उसका समर्थन करने की जरूरत है ताकि उसका विस्तार हो सके।
आजमगढ़ जिले के फूलपुर पवई इलाके के दुकानदार ओबैदुल्ला कहते हैं कि कांग्रेस, सपा और बसपा का साथ देने की एवज में मुसलमानों को कुछ नहीं मिला। उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘ओवैसी हमारी आवाज उठाते हैं। हमें उनके लिए वोट क्यों नहीं करना चाहिए। हमारी अपनी पार्टी होनी चाहिए क्योंकि कई समुदायों की अपनी पार्टी है।'' कई मुसलमान मतदाताओं का मानना है कि इस बार लोग वोटों का बंटवारा नहीं चाहते क्योंकि उनका मकसद योगी आदित्यनाथ सरकार को सत्ता से हटाना है। सगड़ी इलाके में चाय की दुकान चलाने वाले मतलूब आलम ने कहा, ‘‘एआईएमआईएम को वोट मिलता, लेकिन यह इस बार नहीं होगा क्योंकि इस बार मुख्य लक्ष्य योगी सरकार को हटाने का है। एआईएमआईएम को समर्थन मिल रहा है, लेकिन वह जीतने की स्थिति में नहीं है।''
आजमगढ़ शहर के तकिया इलाके के निवासी शमीम आगा कहते हैं, ‘‘ग्रामीण इलाके में मुस्लिम युवा एआईएमआईएम की ओर बड़ी उम्मीद से देख रहे हैं। लेकिन मुश्किल है कि यह वोट में तब्दील हो। जैसे कि लोग यहां कहते हैं कि कांग्रेस अच्छी पार्टी है लेकिन उसे वोट नहीं देते। यही बात यहां एआईएमआईएम के साथ है।'' गाजीपुर जिले के जहूराबाद क्षेत्र में सपा समर्थकों का कहना है कि मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग भले ही एआईएमआईम के बारे में बात कर रहे हैं, लेकिन आखिर वह यह देखेंगे कि भाजपा सरकार को हटाने के लिए क्या करने की जरूरत है। एआईएमआईएम के बारे में बात करने के साथ ही ज्यादातर मुसलमान इस बार ‘बदलाव' पर जोर दे रहे हैं।