Edited By Mamta Yadav,Updated: 26 Apr, 2025 06:55 PM

सपने अगर मजबूत हों तो मुश्किलें भी रास्ता बना देती हैं। सुल्तानपुर के छोटे से गांव ऊंचगांव की दिशा द्विवेदी ने यह कर दिखाया। यूपीएससी में 672वीं रैंक हासिल कर दिशा ने साबित कर दिया कि मेहनत और हौसला कभी हार नहीं मानते। लखनऊ पहुंचने पर उनका भावनाओं...
Lucknow News, (अनिल कुमार): सपने अगर मजबूत हों तो मुश्किलें भी रास्ता बना देती हैं। सुल्तानपुर के छोटे से गांव ऊंचगांव की दिशा द्विवेदी ने यह कर दिखाया। यूपीएससी में 672वीं रैंक हासिल कर दिशा ने साबित कर दिया कि मेहनत और हौसला कभी हार नहीं मानते। लखनऊ पहुंचने पर उनका भावनाओं से भरा स्वागत हुआ।

छठे और आखिरी अटेम्प्ट में मिली सफलता
लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पर जब दिशा द्विवेदी पहुंचीं तो परिवार और शुभचिंतकों ने फूल-मालाओं से उनका स्वागत किया। इस खुशी भरे पल में पिता डॉ. महेंद्र प्रकाश द्विवेदी की आंखें भी छलक पड़ीं। दिशा का यह सफर आसान नहीं रहा। छठे और आखिरी अटेम्प्ट में मिली सफलता के पीछे उनके परिवार का मजबूत साथ और उनकी खुद की अटूट मेहनत रही।"

छोटे सपनों से बड़े सफर तक की यह कहानी आज हर युवा के लिए एक प्रेरणा
केंद्रीय विद्यालय लखनऊ से पढ़ाई करने के बाद नोएडा से बीटेक करते वक्त दिशा ने कैंपस जॉब का ऑफर ठुकराया और सिविल सेवा की राह पकड़ी। एसएसबी में मेडिकल कारणों से बाहर होने के बाद भी उनका हौसला नहीं टूटा। कठिनाइयों के बीच भी दिशा ने अपने टाइम और इमोशंस को मैनेज करते हुए अपनी मंजिल हासिल की। आज दिशा द्विवेदी न सिर्फ अपने परिवार का, बल्कि अपने गांव और पूरे प्रदेश का गर्व बन गई हैं। छोटे सपनों से बड़े सफर तक की उनकी यह कहानी आज हर युवा के लिए एक प्रेरणा बन चुकी है।"