Edited By Anil Kapoor,Updated: 02 Sep, 2025 02:10 PM

Kanpur News: उत्तर प्रदेश में कानपुर जिले के चकेरी इलाके में एक हैरान कर देने वाली वारदात सामने आई है, जिसमें दोस्ती, प्यार और बदले की कहानी ने खूनी मोड़ ले लिया। इस मामले ने पूरे इलाके में सनसनी......
Kanpur News: उत्तर प्रदेश में कानपुर जिले के चकेरी इलाके में एक हैरान कर देने वाली वारदात सामने आई है, जिसमें दोस्ती, प्यार और बदले की कहानी ने खूनी मोड़ ले लिया। इस मामले ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है।
दोस्ती में आई दरार: प्यार बना दुश्मनी की वजह
ऋषिकेश और पवन बहुत अच्छे दोस्त थे। दोनों साथ में घूमते-फिरते, चाय की दुकान पर बैठते, त्योहारों में एक-दूसरे के घर आते-जाते थे। मगर जब पवन कुछ समय के लिए जेल गया और फिर बाहर आया, तो उसे यह पता चला कि उसके सबसे करीबी दोस्त ऋषिकेश के उसकी बहन से प्रेम संबंध हैं। पवन को यह बात नागवार गुजरी और वह आगबबूला हो गया। वहीं से उसने तय कर लिया कि वह इस रिश्ते का बदला जरूर लेगा और फिर शुरू हुई एक खूनी साजिश की प्लानिंग।
गणेश उत्सव बना मौत का बहाना
31 अगस्त की रात कानपुर में गणेश उत्सव की धूम थी। इसी मौके का फायदा उठाकर पवन ने अपने दोस्त ऋषिकेश को फंसाने की साजिश रची। उसने अपने साथी प्रिंस को कहा कि वह ऋषिकेश को फोन करके बुलाए।
प्रिंस ने फोन कर कहा – 'चलो कहीं घूमने चलते हैं'
ऋषिकेश बिना कुछ सोचे अपने दोस्तों के साथ चला गया। लेकिन उसे क्या पता था कि वह अपनी जिंदगी की आखिरी रात जी रहा है।
जंगल में ले जाकर की निर्मम हत्या
सीसीटीवी फुटेज में दिखा कि ऋषिकेश को जबरदस्ती बाइक पर बैठाकर पवन और उसके साथी ले गए। वे उसे शहर से बाहर एक सुनसान जंगल में ले गए। वहां ऋषिकेश के सामने पवन, उसका भाई बॉबी और उनके साथी मोगली, निखिल, आकाश, रिशु वगैरह खड़े थे। पवन ने किसी को मौका नहीं दिया और खुद ही तेज हथियार से ऋषिकेश का सिर धड़ से अलग कर दिया। इस पूरी वारदात का वीडियो भी मोबाइल में रिकॉर्ड किया गया।
गंगा में फेंका शव, मगर सबूत छिप ना सका
हत्या के बाद शव को बोरे में डालकर हाथ-पैर बांध दिए गए और उसे ई-रिक्शा में रखकर गंगा नदी के पुल तक ले जाया गया। वहां से शव को नदी में बहा दिया गया ताकि सबूत मिटाया जा सके। लेकिन गंगा की लहरों ने उनका गुनाह नहीं छुपाया।
घरवालों ने जताई आशंका, पुलिस ने शुरू की जांच
ऋषिकेश जब देर रात तक घर नहीं लौटा और फोन भी बंद था, तो घरवालों को शक हुआ कि कुछ गलत हुआ है। उन्होंने पुलिस में गुमशुदगी और हत्या की आशंका जताते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले और जांच शुरू की। कुछ संदिग्ध लड़कों को उठाया गया और कड़ी पूछताछ की गई।
तीन आरोपी टूटे, साजिश का खुलासा
पुलिस की पूछताछ में निखिल, आकाश और रिशु टूट गए और उन्होंने पूरी साजिश कबूल कर ली। पता चला कि गणेश उत्सव एक बहाना था। असली मकसद ऋषिकेश को फुसलाकर जंगल में ले जाना और उसका कत्ल करना था। डीसीपी सत्यजीत गुप्ता की निगरानी में कई टीमें बनाकर जांच तेज कर दी गई है और बाकी आरोपियों की तलाश जारी है।