जौनपुर में बेटा बना दरिंदा! पहले मां-बाप को बेरहमी से उतारा मौत के घाट—फिर शवों को तीन-तीन हिस्सों में काटकर नदियों में फेंका

Edited By Anil Kapoor,Updated: 18 Dec, 2025 07:35 AM

son brutally murders parents chops up bodies and throws them into river

Jaunpur News: उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले से सामने आए एक दिल दहला देने वाले मामले में बेटे ने अपने ही माता-पिता की बेरहमी से हत्या कर दी। इस हत्याकांड में हैवानियत की सारी हदें पार हो गईं। आरोपी बेटे ने पहले लोहे के बट्टे से मां के सिर पर वार किया,...

Jaunpur News: उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले से सामने आए एक दिल दहला देने वाले मामले में बेटे ने अपने ही माता-पिता की बेरहमी से हत्या कर दी। इस हत्याकांड में हैवानियत की सारी हदें पार हो गईं। आरोपी बेटे ने पहले लोहे के बट्टे से मां के सिर पर वार किया, फिर पिता ने जब किसी को फोन कर मदद मांगनी चाही तो उनके सिर पर भी हमला कर दिया और बाद में रस्सी से गला कसकर हत्या कर दी। इसके बाद आरोपी ने दोनों शवों को आरी से काटकर तीन-तीन टुकड़ों में किया और उन्हें सीमेंट की बोरियों में भरकर गोमती नदी में फेंक दिया। मां के शव का एक हिस्सा बोरी में नहीं आ सका, जिसे आरोपी ने वाराणसी जाते समय सई नदी में फेंक दिया।

पारिवारिक और पैसों के विवाद में दिया वारदात को अंजाम
यह पूरी घटना पारिवारिक विवाद और पैसों की तंगी से जुड़ी बताई जा रही है। पुलिस के अनुसार आरोपी बेटे का अपने माता-पिता से जमीन और पैसों को लेकर लगातार झगड़ा होता रहता था।

परिवार का परिचय और घटनाक्रम
मृतक श्याम बहादुर (65) अपनी पत्नी बबिता (63) के साथ अहमदपुर गांव में रहते थे। उनके तीन बेटियां और एक बेटा अंबेश था। अंबेश अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ कोलकाता में रहता था, लेकिन पिछले तीन महीनों से अकेला घर आकर रहने लगा था। घर में सिर्फ माता-पिता और बेटा ही मौजूद थे। परिजनों के अनुसार, अंबेश का माता-पिता से अक्सर विवाद होता था।

गुमशुदगी से खुला हत्या का राज
जब बेटी वंदना ने अपने पिता को फोन किया और संपर्क नहीं हो सका, तो उसने कई बार कॉल किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। भाई अंबेश का फोन भी बंद मिला। इसके बाद 13 दिसंबर को जफराबाद थाने में माता-पिता और भाई की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई। पुलिस ने गुमशुदगी का मामला दर्ज कर जांच शुरू की।

बयान बदलने से बढ़ा पुलिस का शक
15 दिसंबर को पुलिस ने अंबेश को बरामद किया, लेकिन पूछताछ के दौरान वह बार-बार अपना बयान बदलता रहा, जिससे पुलिस को शक हो गया। अपर पुलिस अधीक्षक नगर आयुष श्रीवास्तव के अनुसार, सख्ती से पूछताछ करने पर अंबेश ने अपना जुर्म कबूल कर लिया।

शादी और पैसों को लेकर बढ़ा तनाव
पूछताछ में अंबेश ने बताया कि कोरोना काल के दौरान उसने कोलकाता में एक मुस्लिम युवती से शादी की थी और उसके दो बच्चे हैं। परिवार वाले इस शादी से खुश नहीं थे और इसी बात को लेकर घर में तनाव रहता था। पत्नी द्वारा मेंटेनेंस के पैसों की मांग की जा रही थी। अंबेश ने माता-पिता से पैसे मांगे, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। इसी वजह से 8 दिसंबर की रात वह गुस्से में आ गया और वारदात को अंजाम दे दिया।

हत्या के बाद शव ठिकाने लगाने की पूरी कहानी
हत्या के बाद आरोपी ने घर के बेसमेंट में रखी आरी और औजारों से शवों के टुकड़े किए। दोनों शवों को 6 सीमेंट की बोरियों में भरा। घर की फर्श को माता-पिता के कपड़ों से साफ किया। शवों को कार की डिक्की में रखकर करीब 7 किलोमीटर दूर बेलाव पुल से गोमती नदी में फेंक दिया। मां के शव का एक हिस्सा बोरी में नहीं आ पाया, जिसे आरोपी ने सई नदी में फेंक दिया।

बनारस घूमता रहा आरोपी, बहन को करता रहा गुमराह 
हत्या के बाद अंबेश जौनपुर और वाराणसी घूमता रहा। इस दौरान जब बहन ने माता-पिता के बारे में पूछा, तो उसने कहा कि वे कहीं चले गए हैं और वह उन्हें ढूंढने निकला है।

शवों की तलाश जारी, एक टुकड़ा बरामद
पुलिस द्वारा सीन रीक्रिएशन के दौरान आरोपी ने पूरी वारदात की जानकारी दी। अपर पुलिस अधीक्षक नगर आयुष श्रीवास्तव ने बताया कि पिता के शव का एक टुकड़ा गोताखोरों की मदद से बरामद कर लिया गया है, जबकि बाकी हिस्सों की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन जारी है।

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