Edited By Mamta Yadav,Updated: 02 Aug, 2022 02:55 PM
उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में गंडक नदी के उफान पर रहने से निचले इलाकों में बसे गांव में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। अधिक़ृत सूत्रों ने बताया कि वाल्मीकि नगर बैराज से गंडक नदी में मंगलवार की सुबह 2,76,800 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इससे गंडक नदी के आस-...
कुशीनगर: उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में गंडक नदी के उफान पर रहने से निचले इलाकों में बसे गांव में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। अधिक़ृत सूत्रों ने बताया कि वाल्मीकि नगर बैराज से गंडक नदी में मंगलवार की सुबह 2,76,800 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इससे गंडक नदी के आस- पास के निचले इलाकों में बसे कई गांवों में पानी घुस गया। इससे भैसहां गेज स्थल पर गंडक नदी खतरे के निशान के करीब 96.67 मीटर तक पहुंच गई। नदी में जलस्तर बढ़ने की सूचना पर डीएम के आदेश पर एसडीएम ने शिवपुर गांव का दौरा किया। बाढ़ की आशंका को देखते हुए उन्होंने सभी को सजग रहने के लिए कहा है।
सोमवार से ही वाल्मीकि नगर बैराज से गंडक नदी में पानी छोड़ने का सिलसिला शुरू हुआ। सुबह छह बजे कुल डिस्चार्ज 1,24,000 क्यूसेक था। दोपहर 12 बजे 2,06,000,दो बजे 227000 तक और तीन बजे 2,50,000 तथा चार बजे 2,65,000 क्यूसेक पहुंच गया। इससे भैंसहा गेज स्थल पर खतरे के निशान को पार करने की संभावना बढ़ गई। बाढ़ से प्रभावित होने वाले मरचहवा, बसंतपुर, शिवपुर, हरिहरपुर, नरायनपुर, सालिकपुर, महदेवा आदि गांव के लोग पानी बढ़ने से सहम गए हैं।
जिलाधिकारी के निर्देश पर एसडीएम भावना सिंह बिहार के रास्ते नदी पार करके शिवपुर गांव की पुलिस चौकी पर पहुंचीं वहां मरचहवा प्रधान इजहार, हरिहरपुर प्रधान नरसिंह, नरायनपुर के प्रधान पति हिरामन, शवपुर प्रधान प्रतिनिधि राजू अंसारी सहित अन्य ग्रामीणों से बात करके जानकारी ली।