Edited By Anil Kapoor,Updated: 20 Jul, 2025 02:56 PM

Agra\Sambhal: देश में इन दिनों कई जगह अवैध धर्मांतरण के मामले सामने आ रहे हैं। खासकर छांगुर बाबा के रैकेट की खबरें सबके सामने हैं। अब एक पिता ने अपनी बेटी के धर्मांतरण से जुड़ी दर्दनाक घटना बताई है, जो पश्चिम बंगाल से बरामद हुई थी। इस पिता ने उत्तर...
Agra\Sambhal: देश में इन दिनों कई जगह अवैध धर्मांतरण के मामले सामने आ रहे हैं। खासकर छांगुर बाबा के रैकेट की खबरें सबके सामने हैं। अब एक पिता ने अपनी बेटी के धर्मांतरण से जुड़ी दर्दनाक घटना बताई है, जो पश्चिम बंगाल से बरामद हुई थी। इस पिता ने उत्तर प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और आगरा के पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार को धन्यवाद दिया, जिन्होंने मुश्किल समय में पूरा सहयोग किया।
बेटी को नहीं था धर्म का सही ज्ञान
पीड़ित पिता ने बताया कि आज की युवा पीढ़ी अपने धर्म के बारे में ठीक से जानती नहीं है, जिससे वे आसानी से बहक जाती हैं। उन्होंने सभी माता-पिता से अपील की कि वे अपने बच्चों को धर्म की सही जानकारी दें और सतर्क रहें।
2021 से हुई ब्रेनवॉश की शुरुआत
पिता ने बताया कि उनकी बेटी की दोस्ती 2021 में कश्मीर से आई एक मुस्लिम छात्रा से हुई थी। वे आगरा में पढ़ाई कर रही थीं। धीरे-धीरे उस छात्रा ने उनकी बेटी का ब्रेनवॉश करना शुरू कर दिया। उस वक्त उनकी बेटी पीएचडी की तैयारी कर रही थी। कश्मीर की अन्य छात्राएं भी उनकी बेटी को इस्लाम की ओर प्रभावित कर रही थीं और उन्हें इस्लामी किताबें, कुरान आदि पढ़ने को मिल रहे थे।
24 मार्च 2025 को बेटी अचानक हो गई गायब
परिवार के अनुसार, 24 मार्च 2025 को बेटी अचानक घर से लापता हो गई। पुलिस ने जांच की तो पता चला कि वह पश्चिम बंगाल के मुस्लिम बहुल इलाके में एक किराए के मकान में रह रही थी। वहां उसके साथ एक और युवती भी थी, जो पहले ही धर्मांतरण कर चुकी थी। दोनों के निकाह के कागज बनाए जा रहे थे।
धर्मांतरण विरोधी कानून ना होने से पुलिस को हुई परेशानी
पिता ने बताया कि पश्चिम बंगाल में धर्मांतरण रोकने वाला कड़ा कानून नहीं है, इसलिए पुलिस को कार्रवाई करने में काफी दिक्कत हुई। जब परिजन वहां पहुंचे, तो इलाके में मुस्लिम आबादी ज्यादा थी। पुलिस ने दोनों लड़कियों को सुरक्षित बाहर निकालने में बहुत मेहनत की।
बनाए जा रहे थे निकाह के फर्जी कागज
पिता ने बताया कि दोनों लड़कियों के नाम बदलकर निकाह के कागज तैयार किए जा रहे थे। पुलिस ने भी माना है कि ऐसे कई मामले सामने आते हैं, जहां ब्रेनवॉश कर लड़कियों का नाम बदलवाकर उनका धर्मांतरण कराया जाता है। पिता का दावा है कि यह अकेला मामला नहीं है, बल्कि देश के कई हिस्सों में ऐसा एक बड़ा नेटवर्क सक्रिय है। आठ राज्यों से ऐसी लड़कियों को बचाया गया है, जो ब्रेनवॉश होकर स्लीपर सेल की तरह इस्तेमाल हो रही हैं। यह नेटवर्क विदेश से भी फंडिंग ले रहा है।
काउंसलिंग की जरूरत
पिता ने बताया कि दोनों लड़कियां अभी पुलिस कस्टडी में हैं। वे अभी भी मानती हैं कि जो किया सही था। उन्होंने सरकार से काउंसलिंग कराने की मांग की है। परिवार भी विशेषज्ञ डॉक्टरों से संपर्क करेगा। सरकार ने काउंसलिंग के लिए सहमति भी दे दी है।
पिता ने बताई अपनी गलती
पिता ने कहा कि जब उनकी बेटी पहली बार 2021 में उस मुस्लिम छात्रा से मिली थी, तब वह अगले दिन ही घर लौट आई थी। उस समय उन्होंने कोई सख्त कदम नहीं उठाया, जो अब उनकी सबसे बड़ी गलती साबित हुई। अगर उन्होंने तब कार्रवाई की होती, तो शायद इस बड़े नेटवर्क का पता चल जाता और उनकी बेटी इस हाल में नहीं होती।