Edited By Ramkesh,Updated: 17 Apr, 2025 12:42 PM

कहते हैं कि मां अपने बच्चे के लिए यमराज से भी लड़कर उसकी रक्षा के लिए तैयार रहती है, लेकिन जब उसके ही बच्चे बड़े होकर धोखा देते हैं, तो यह इंसान के लिए सबसे बड़ा दुख होता है। ऐसा ही ताजा मामला, वाराणसी के मर्णिकर्णिका घाट से सामने आया है, जहां पर...
वाराणसी: कहते हैं कि मां अपने बच्चे के लिए यमराज से भी लड़कर उसकी रक्षा के लिए तैयार रहती है, लेकिन जब उसके ही बच्चे बड़े होकर धोखा देते हैं, तो यह इंसान के लिए सबसे बड़ा दुख होता है। ऐसा ही ताजा मामला, वाराणसी के मर्णिकर्णिका घाट से सामने आया है, जहां पर कानपुर के रहने वाली वृद्ध महिला लावारिस हाल में मिली। बताया जा रहा है कि इस महिला को उसकी बेटी और दामाद ने छोड़ा था। हालांकि वीडियो वायरल होने के बाद बेटी और दामाद ने माफी मांगी बोल अब ऐसी गलती नहीं होगी।
समाजसेवी ने महिला का वीडियो किया था पोस्ट
दरअसल, समाजसेवी अमन कबीर ने बताया कि महिला का नाम इंद्रावती है। सोशल मीडिया और मीडिया में चली खबरों के बाद महिला की बेटी और दामाद अस्पताल पहुंच गए हैं। उन्होंने बताया कि यह काफी दिनों से काशी या महाकाल पहुंचाने की बात कह रही थी, इसलिए हम इन्हें यहां छोड़ दिए। इस पर अस्पताल के चिकित्सकों ने उन्हें फटकार लगाई।
कानपुर शिवाला सब्जी मंडी की रहने वाली है वृद्ध महिला
कानपुर शिवाला सब्जी मंडी के पास रहने वाली इंदिरा देवी (70) ने कहीं। साथ रहने वाली बेटी रीता उर्फ रंजीता, पति और बेटों के साथ 13 अप्रैल को मरने के लिए काशी के मणिकर्णिका घाट छोड़ आई। घाट पर इंदिरा को देखकर एक युवक ने सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट किया। लिखा कि इनको तो हम आश्रम पहुंचा देंगे, लेकिन इस वीडियो को कानपुर तक इतना फैलाओ कि उन लोगों को शर्म आ जाए।
बेटी ने पहचानने से किया था इनकार
बेटी ने पहले तो पहचानने से इंकार कर दिया। बाद में पड़ोसियों के सामने आने पर कहा कि छोड़ा तो क्या गलत किया। मेरी मर्जी है। हमने परेशान होकर उन्हें काशी में छोड़ दिया...। हमको हमारे हाल पर छोड़ दो। वो चिल्लाती थीं, आधी रात को घर से निकल जाती थीं। बोली लावारिस नहीं छोड़ा, आश्रम में छोड़ा है, लेकिन किसके पास है ये नहीं बता पाई। वहीं, काशी में दर्द से कराह रहीं महिला की पीठ और हाथ पर चोट के निशान हैं। फिलहाल बेटी और दामाद ने अस्पताल पहुंच कर महिला को घर लाने की बात कही है।