Edited By Pooja Gill,Updated: 22 Jun, 2024 11:54 AM
![cm yogi paid tribute to saint kabirdas](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2024_6image_11_50_572681957unnamed-ll.jpg)
Sant Kabir Das Jayanti: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाज सुधारक सूफी संत कबीरदास की जयंती पर आज उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की है। संत कबीर दास मध्यकालीन भक्ति आंदोलन के अग्रणी कवि हैं...
Sant Kabir Das Jayanti: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाज सुधारक सूफी संत कबीरदास की जयंती पर आज उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की है। संत कबीर दास मध्यकालीन भक्ति आंदोलन के अग्रणी कवि हैं। उनको को हिंदू और मुस्लिम दोनों ही समुदाय के लोग बहुत पसंद करते हैं। उन्हें हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल पेश की हैं। संत कबीर दास का जन्म सन 1398 ईसवी में काशी में हुआ था। आज यानी 22 जून को देशभर में उनकी जयंती मनाई जा रही है।
सीएम योगी ने दी श्रद्धांजलि
संत कबीरदास की जयंती सीएम योगी ने उन्हें श्रद्धाजंलि दी है। सीएम योगी ने लिखा, ''अद्भुत समाज सुधारक, महान संत कबीरदास का जीवन मानवीय मूल्यों के विकास और 'रूढ़ि-मुक्त समाज' की स्थापना की प्रेरणा प्रदान करता है। लोक मर्म को स्पर्श करती एवं सामाजिक समरसता की राह दिखाती उनकी 'शब्द' व 'साखियां' सदैव प्रासंगिक रहेंगी। ऐसे पूज्य मनीषी को उनकी जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि!''
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कबीरदास का जन्म वर्ष 1398 में ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा के दिन हुआ
गौरतलब है कि महान कवि और समाज सुधारक संत कबीरदास का जन्म वर्ष 1398 में ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा में काशी में हुआ माना गया है। मान्यता है कि ब्राह्मण परिवार में जन्मे कबीर का लालन पालन मुस्लिम परिवार में हुआ था। उन्होंने समाज में व्याप्त बुराइयों को अपनी कविताओं के माध्यम से उजागर किया जो आज भी प्रासंगिक हैं। संत कबीर दास ने अपनी मृत्यु के लिए मगहर को चुना जो की लखनऊ से लगभग 240 किमी दूर स्थित है। ऐसा उन्होंने लोगों के मन से भ्रम निकालने के लिए किया। दरअसल, उन दिनों ऐसी माना जाता था कि जो व्यक्ति मगहर में मरता है। उसे स्वर्ग में जगह नहीं मिलती है। लोगों का यही अंधविश्वास तोड़ने के लिए संत कबीर दास जी की मृत्यु मगहर में हुई थी।